सर्च इंजन गूगल ने देश की पहली महिला चिकित्सक कादंबिनी गांगुली ( Dr Kadambini Ganguly) की 160वीं जयंती पर विशेष ग्राफिक वाला डूडल (Google Doodle) बनाकर रविवार को उन्हें श्रद्धांजलि दी. डूडल में पृष्ठभूमि में कोलकाता मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की मुख्य इमारत की तस्वीर के साथ गांगुली का छायाचित्र बनाया गया है. इसे बेंगलुरु के कलाकार ओद्दरिजा ने बनाया है. नेताओं और सभी वर्गों के लोगों ने भारत में महिला अधिकारों के पैरोकार के तौर पर गांगुली की प्रशंसा की. आनंदी जोशी के साथ गांगुली 1886 में औषधि की पढ़ाई करने और डिग्री हासिल करने वाली औपनिवेशिक भारत की पहली महिला थीं. जोशी ने अमेरिका के पेन्सिलवेनिया के वुमेन्स मेडिकल कॉलेज से पढ़ाई की, जबकि गांगुली ने कलकत्ता मेडिकल कॉलेज में पश्चिमी औषधि की पढ़ाई की.
गांगुली का जन्म 18 जुलाई, 1861 को हुआ था. वह और चंद्रमुखी बासु स्नातक करने वाली भारत की पहली महिलाएं बनीं. उन्होंने कोलकाता के बेथुने कॉलेज से स्नातक की डिग्री ली.
ब्रह्म सुधारक द्वारकानाथ गांगुली के साथ शादी के बाद दंपति ने सीएमसी में महिलाओं की पढ़ाई पर प्रतिबंध के खिलाफ लड़ाई लड़ी और कादंबिनी ने औपनिवेशिक समाज की कड़ी आलोचना के बावजूद 23 जून, 1883 में मेडिकल कॉलेज में दाखिला लिया. उन्हें 1886 में स्नातक की डिग्री दी गयी जिसने समाज सुधारक फ्लोरेंस नाइटिंगेल का ध्यान भी खींचा, जिन्होंने 1888 में एक पत्र में अपने एक दोस्त से गांगुली के बारे में पूछा था. गांगुली ने बाद में ब्रिटेन में पढ़ाई की. फ्लोरेंस नाइटिंगेल को आधुनिक नर्सिंग का जन्मदाता भी माना जाता है.
महिला अधिकारों की पैरोकार गांगुली 1889 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के पहले महिला प्रतिनिधिमंडल के छह सदस्यों में से एक थीं. उन्होंने 1898 में पति के निधन के बाद कोलकाता में औषधि चिकित्सक के तौर पर काम किया और 1923 में अपना निधन होने तक वहां काम करती रहीं.
कांग्रेस ने उनकी तस्वीर साझा करते हुए ट्वीट किया, ‘‘भारतीयों को पीढ़ियों तक प्रेरित करने के लिए कादंबिनी गांगुली को नमन. वह न केवल भारत की पहली महिला स्नातक थीं, बल्कि वह उन पहली महिलाओं में से एक थीं जिन्होंने दक्षिण एशिया में पश्चिमी औषधि पर काम किया.''
राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने ट्वीट किया, ‘‘कादंबिनी गांगुली जी को उनकी जयंती पर नमन. पुरुष वर्चस्व वाले समाज में कादंबिनी गांगुली औषधि की पढ़ाई करने के लिए सभी पाबंदियों और पूर्वाग्रहों से लड़ीं. उन्होंने महिलाओं की आजादी और आकदमिक संस्थानों में उनके दाखिले के लिए सक्रियता से अभियान चलाया.''
कई नेताओं ने भी गांगुली को श्रद्धांजलि दी. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट किया, ‘‘भारत की पहली दो महिला चिकित्सकों में से एक कादंबिनी गांगुली को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि. उन्होंने 1883 में औषधि की पढ़ाई की, स्कॉटलैंड में प्रशिक्षण लिया और भारत में चिकित्सक के रूप में काम किया. महिलाओं की आजादी के लिए उनका योगदान हमेशा याद रखा जाएगा.''
पश्चिम बंगाल भाजपा के प्रमुख दिलीप घोष ने ट्वीट किया, ‘‘ब्रिटिश शासित भारत में पहली दो महिला स्नातकों में से एक और भारत एवं दक्षिण एशिया में पहली महिला चिकित्सक कादंबिनी गांगुली को मेरी श्रद्धांजलि. सच्चे मायनों में उनका संघर्ष और लड़ाई भारतीय तथा बंगाली महिलाओं को प्रेरित करता है.''
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