भारत में कोविड-19 संक्रमण (Coronavirus) की दूसरी लहर के बीच वॉल स्ट्रीट की ब्रोकरेज कंपनी गोल्डमैन सैश (Goldman Sachs) ने चालू वित्त वर्ष 2021-22 के लिए भारत की वृद्धि दर का अनुमान 10.9 प्रतिशत से घटाकर 10.5 प्रतिशत कर दिया है. इसके अलावा ब्रोकरेज ने शेयर बाजारों और आमदनी के अपने अनुमान में भी कमी की है. भारत में कोविड-19 के मामले रोजाना नए रिकॉर्ड पर पहुंच रहे हैं. साथ ही विभिन्न राज्यों में लॉकडाउन भी लगातार बढ़ रहा है. सुनील कौल की अगुवाई में गोल्डमैन सैश के अर्थशास्त्रियों ने मंगलवार को जारी विस्तृत नोट में कहा कि महामारी के मामले रिकॉर्ड पर पहुंचने तथा कई प्रमुख राज्यों द्वारा सख्त लॉकडाउन लगाए जाने से वृद्धि को लेकर चिंता पैदा हुई है. इससे निवेशक वृहद अर्थव्यवस्था और आमदनी में सुधार को लेकर आशंकित हैं.
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गोल्डमैन सैश ने 2021 के लिए भारत के वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में वृद्धि के अनुमान को 10.9 प्रतिशत से घटाकर 10.5 प्रतिशत कर दिया है. ब्रोकरेज कंपनी का अनुमान है कि इससे जून तिमाही की वृद्धि भी प्रभावित होगी. गोल्डमैन सैश ने इसके साथ 2021 में आमदनी में वृद्धि के अनुमान को 27 प्रतिशत से घटाकर 24 प्रतिशत कर दिया है. ब्रोकरेज का अनुमान है कि अंकुशों में ढील और टीकाकरण की रफ्तार बढ़ने के बाद जुलाई से पुनरुद्धार फिर शुरू होगा.
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नोट में कहा गया है कि भरोसे का संकट शेयर बाजारों में भी दिख रहा है. निफ्टी में सोमवार को अकेले 3.5 प्रतिशत का नुकसान हुआ. गोल्डमैन सैश ने दूसरी यानी जून तिमाही के वृद्धि के अनुमान को कम किया है. हालांकि, उसने इसका कोई आंकड़ा नहीं दिया है. हालांकि, नोट में उम्मीद जताई है इन सब चीजों का कुल असर मामूली होगा, क्योंकि अंकुश कुछ क्षेत्रों में लगाए गए हैं.
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