सोने के दामों में रिकॉर्ड स्तर की गिरावट देखी जा रही है. सेंटीमेंट के हिसाब से सोने में निवेश करने का यह सही समय है. सोना का पिछला रिकॉर्ड हाई अगस्त, 2020 में 56,200 रुपए प्रति 10 ग्राम था. लेकिन अगले कुछ महीनों में सोने के दामों में लगातार गिरावट दर्ज की गई है, जिसके बाद सोना प्रति 10 ग्राम 11,000 सस्ता हो चुका है. इसका मतलब है कि सोना अपने रिकॉर्ड हाई से 20 फीसदी सस्ता हो चुका है.
दिल्ली सर्राफा बाजार में सोने का भाव गुरुवार को 217 रुपये नरम हो कर 44,372 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गया. सोना बुधवार को 44,589 रुपये प्रति दस ग्राम के भाव पर बंद हुआ था. सोने ही तरह चांदी भी 1,217 नीचे खिसक कर 66,598 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गयी. एक दिन पहले भाव 67,815 पर बंद हुआ था.
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक (जिंस) तपन पटेल ने कहा, ‘रुपये की विनिमय दर में गिरावट के बावजूद दिल्ली बाजार में 24 कैरेट सोने का हाजिर भाव 217 रुपये नीचे आना पिछले दिन में वायदा बाजार में इस धातु के भाव में आई गिरावट से प्रेरित है.'
अगर इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स असोसिएशन लिमिटेड यानी IBJA के रेट पर नजर डालें तो आज सोने की कीमत कुछ ऐसे है- (ये कीमतें प्रति ग्राम पर बिना GST चार्ज के बताई गई हैं)
24 कैरेट- 4,484
22 कैरेट- 4,332
18 कैरेट- 3,587
14 कैरेट- 2,982
क्यों गिरे हैं दाम और आगे क्या हो सकता है रुख?
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के अनुसार कोविड-19 महामारी को रोकने के लिए टीकाकरण अभियान तेज होने से बाजार में निवेशकों में जोखिम उठाने का मनोबल सुधरा है और वे निवेश के लिए सुरक्षित माने जाने वाले सोने की जगह दूसरे असेट्स यानी संपत्तियों पर दांव लगाने को प्रेरित हुए हैं. उन्होंने कहा कि निवेशक सोने की ओर से निकल कर दूसरे निवेशों में जोखिम उठाना चाहते हैं. इससे सोने की मांग कम हुई है, जिसके चलते दामों में गिरावट आई है.
सोने का रुख आगे क्या रहेगा, यह भी सवाल है. अटकलें लगाई जा रही हैं कि क्या सोना अपना निचला स्तर छू चुका है या अभी और नीचे आएगा? NDTV से बात करते हुए पीपी ज्वेलर्स के चेयरमैन पवन गुप्ता ने कहा कि, 'कोरोना काल से पहले जो बाजार की रफ्तार थी, वो अब नहीं है. लेकिन फिर भी इस बीच खरीदारी बढ़ी है. क्योंकि कीमतों में ये जो 58 हजार से 45 हजार आया है, ये दो तीन दिन पहले आया है. जिस वजह से लोगों में इसकी जानकारी नहीं है. मैं समझता हूं कि आने वाले टाइम में सोने की खरीदारी पहले की तुलना में और बढ़ेगी.'
अगर खरीदारी बढ़ती है यानी कि सोने की मांग बढ़ेगी, मांग बढ़ने पर सोने के दामों में वृद्धि हो सकती है. हालांकि, इकॉनमिक रिकवरी को लेकर बाजार में सकारात्मकता दिख रही है, लेकिन फिर अभी बहुत कुछ अनिश्चितता का माहौल है, जिससे बुलियन के दाम प्रभावित हो सकते हैं.