Gold Hallmarking : सोने के गहनों की शुद्धता के लिए हॉलमार्किंग में ये 4 चीजें पहचानें, धोखाधड़ी से बचें

Gold Hallmarking Last date :सोने के गहनों पर हॉलमार्किंग (Gold Hallmark) 16 जून से देश भर में अनिवार्य हो रही है इससे स्वर्ण आभूषण मामूली महंगे हो सकते हैं. लेकिन उन्हें आसानी से खरीदा-बेचा जा सकता है.गोल्ड हॉलमार्किंग सोने की शुद्धता की गारंटी (Hallmarking Purity Of Gold) का मानक है.

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Gold Hallmarking 16 June से देश भर में अनिवार्य हो रही है
नई दिल्ली:

Gold Hallmarking Rules 2021: सोने के गहनों पर हॉलमार्किंग (Gold Hallmark) 16 जून से देश भर में अनिवार्य हो रही है. ऐसे में ग्राहकों के मन में चिंता है कि इससे सोना महंगा होगा या सस्ता. कारोबारियों का कहना है कि इससे स्वर्ण आभूषण मामूली महंगे हो सकते हैं. लेकिन उन्हें आसानी से खरीदा-बेचा जा सकता है.गोल्ड हॉलमार्किंग सोने की शुद्धता की गारंटी (Hallmarking Purity Of Gold) का मानक है. 16 जून या उसके बाद आप दुकान पर गहनों की खरीद करने जाएं तो गहनों पर हॉलमार्क जरूर देखें. अगर हॉलमार्किंग नहीं है तो दुकानदार से पूछें. लेकिन बिना हॉलमार्किंग के आभूषण न खरीदें. अगर डिस्काउंट के साथ भी बिना हॉलमार्क के ज्वेलरी खरीदने का ऑफर दे तो भी नहीं.

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गोल्ड हॉलमार्क के तहत लिखा होगा कि ये कितने कैरेट का है. इससे ग्राहकों के लिए सोने के आभूषणों को कहीं भी आसानी से खरीदना या फिर अच्छे दामों पर बेचना आसान होगा. दूसरी ओर चोरी के गहने बेचने या खरीदने पर आरोपी की पकड़ आसानी से हो जाएगी.

तीन कैरेट में होगा सोना...
16 जून 2021 से सोने के गहने 14, 18 और 22 कैरेट की शुद्धता में ही बिकेंगे. ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स (Bureau of Indian Standards) से लाइसेंस प्राप्त लैब ये शुद्धता का प्रमाणपत्र देंगी.  

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हॉलमार्किंग के नियमों के मुताबिक, सोने के गहनों पर चार पहचान होंगी. 1. बीआईएस मार्क, 2. कैरेट व फाइननेस 3. हॉलमार्किंग सेंटर का नंबर और 4. ज्वेलर्स आइंडेंटिफिकेशन नंबर 

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1. बीआईएस मार्क देखें
बीआईएस मार्क या लोगो (BIS Lab) आपको बताएगा कि ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स से लाइसेंस प्राप्त लैब ने गहने की शुद्धता प्रमाणित हुई की है या नहीं. साथ ही किस लैब से यह सर्टिफिकेशन हुआ है, वो भी पता चलेगा.

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2. सोने की शुद्धता भी परखें
प्योरिटी कैरेट और फाइननेस (Gold Purity Fineness) से आंकी जाती है. 14, 18 और 22 कैरेट के साथ प्रति हजार के अनुपात में फाइननेस गहनों पर लिखी होगी. यानी 22 कैरेट के गहनों पर 22K और फाइननेस के लिए 916. यानी ऐसे गहनों में 91.6 प्रतिशत सोना और बाकी अन्य धातुएं होंगी. 14 कैरेट के गोल्ड में 58.5 फीसदी गोल्ड औऱ बाकी अन्य धातुएं होंगी. 18 कैरेट के गोल्ड ज्वेलरी में 75 फीसदी सोना होगा. 

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हॉलमार्क में ये निशान देखें...

22karat के लिए 22K916
18 Karat के लिए 18K750
14Karat के लिए 14K585

3. लैब का भी नंबर होगा
सोने के गहनों पर अब गोल्ड की शुद्धता परखने वाले हॉलमार्किंग सेंटर का आइंडेंटिफिकेशन नंबर (Hallmarking Lab Identification Number) भी होगा. बीआईएस के पोर्टल से आप पता लगा सकते हैं कि ये बीआईएस मान्यता प्राप्त लैब है या नहीं.

4. ज्वेलर्स की पहचान भी होगी
ज्वेलर्स यानी जहां से आपने सोना खरीदा है, इसकी पहचान गहनों पर चिन्हित ज्वेलर के आइंडेंटिफिकेशन नंबर (Jeweler Identification Number) से होगी.इससे पता चलेगा कि ये सर्टिफाइड ज्वेलर या मैन्युफैक्चरर है या नहीं.

असमंजस में स्वर्ण व्यापारी 
बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन के प्रमुख योगेश सिंघल का कहना है कि कोरोना काल में हम दुकानें तक नहीं खोल पाए हैं. ऐसे में पुराना स्टॉक ही खत्म नहीं हुआ तो हॉलमार्किंग शुरू करना झंझट होगा. पहले से हॉलमार्क हुई ज्वेलरी तो अभी मिलना मुश्किल होगा. हॉलमार्किंग के लिए रोज कर्मचारियों को बीआईएस लैब दौड़ाना पड़ेगा. ग्राहक भी हॉलमार्किंग के लिए 1-2 दिन बाद दोबारा गहना लेने के लिए कितना तैयार होंगे, ये देखने वाली बात होगी.

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