गोवा चुनाव : दिवंगत CM मनोहर पर्रिकर के बेटे के समर्थन में शिवसेना ने वापस लिया अपना उम्मीदवार

Goa Assembly Elections: इससे पहले ही शिव सेना सांसद संजय राउत सभी विपक्षी दलों से यह अपील कर चुके हैं कि बीजेपी से टिकट नहीं मिलने की सूरत में उत्पल के समर्थन में सभी दल उनका समर्थन करें, ताकि उनकी जीत सुनिश्चित हो सके.

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गोवा चुनाव : दिवंगत CM मनोहर पर्रिकर के बेटे के समर्थन में शिवसेना ने वापस लिया अपना उम्मीदवार
Goa Assembly Polls: मनोहर पर्रिकर के बेटे उत्पल पर्रिकर को बीजेपी ने टिकट नहीं दिया है.

गोवा (Goa) के दिवंगत मुख्यमंत्री, भूतपूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता मनोहर पर्रिकर (Manohar Parirkar) के बेटे उत्पल पर्रिकर (Utpal Parrikar) का समर्थन करने के लिए शिव सेना (Shiv Sena) ने पणजी सीट (Panji Assembly Constituency) से अपना उम्मीदवार वापस ले लिया है. बीजेपी से टिकट नहीं मिलने के बाद उत्पल वहां से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं.

इससे पहले ही शिव सेना सांसद संजय राउत सभी विपक्षी दलों से यह अपील कर चुके हैं कि बीजेपी से टिकट नहीं मिलने की सूरत में उत्पल के समर्थन में सभी दल उनका समर्थन करें, ताकि उनकी जीत सुनिश्चित हो सके.

संजय राउत ने महाराष्ट्र के मंत्री आदित्य ठाकरे को टैग करते हुए एक ट्वीट में कहा, "हम अपनी बात पर अटल हैं. शिवसेना पणजी से अपने उम्मीदवार शैलेंद्र वेलिंगकर को वापस ले रही है. इतना ही नहीं, हमारे कार्यकर्ता उत्पल पर्रिकर का पूरा समर्थन करेंगे. हमारा मानना ​​​​है कि पणजी की लड़ाई सिर्फ चुनाव के लिए नहीं है, बल्कि गोवा की राजनीतिक शुद्धि के बारे में भी है."

राउत के ट्वीट में उत्पल पर्रिकर के एक ट्वीट का एक उद्धरण भी शामिल किया गया है, जिसमें उत्पल ने अटानासियो बाबुश मोनसेरेट को चुनने के लिए बीजेपी पर निशाना साधते हुए लिखा है, "आप स्वर्गीय मनोहर पर्रिकर के प्रतिनिधित्व वाले निर्वाचन क्षेत्र में आपराधिक पृष्ठभूमि वाले व्यक्ति को टिकट देंगे?"

'मेरा पूरा राजनीतिक करियर दांव पर' : गोवा में भाजपा के खिलाफ चुनाव लड़ने पर बोले उत्पल पर्रिकर

उत्पल पर्रिकर, जो एक इंजीनियर हैं, का कहना है कि वह पणजी में भाजपा के उम्मीदवार के खिलाफ लड़ने के लिए अपना राजनीतिक जीवन दांव पर लगा रहे हैं, खासकर जब उनके पिता ने गोवा में और विशेष रूप से इस निर्वाचन क्षेत्र में पार्टी को सींचा है.

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गोवा के तीन बार मुख्यमंत्री रहे मनोहर पर्रिकर का निधन साल 2019 में हो गया था. उन्होंने पणजी सीट पर 25 साल तक कब्जा बनाए रखा. उनकी मौत के बाद उपचुनाव में, उनके लंबे समय से प्रतिद्वंद्वी रहे बाबुश मोनसेरेट, जो बलात्कार के एक मामले में आरोपी थे, कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में जीते, लेकिन बाद में भाजपा में शामिल हो गए.

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उत्पल ने बीजेपी से इस सीट पर उम्मीदवार बनाने का अनुरोध किया था लेकिन ऐसा नहीं हो सका. शिव सेना के अलावा आम आदमी पार्टी ने भी उत्पल को समर्थन देने का ऐलान किया है.

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