PM मोदी के फिर से प्रधानमंत्री बनने को लेकर वैश्विक नेतृत्व भी आश्वस्त: स्मृति ईरानी

ईरानी ने वैश्विक नेताओं के साथ उनकी बातचीत के बारे में पूछे जाने पर कहा कि विश्वभर के नेता भारत की विकास गाथा और इसकी भावी क्षमताओं और देश में नीतिगत एवं राजनीतिक स्थिरता को लेकर भी आश्वस्त हैं.

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दावोस (स्विट्जरलैंड): 17 जनवरी (भाषा) केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने बुधवार को कहा कि वैश्विक नेतृत्व भारत में इस साल होने वाले आम चुनाव के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के फिर से सत्ता में आने को लेकर आश्वस्त है और उसे उनके द्वारा लाई गई नीतियों और सामाजिक क्षेत्र में किए गए सुधारों के जारी रहने की उम्मीद है.

मंत्री ने यहां विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की वार्षिक बैठक 2024 में ‘पीटीआई' के साथ साक्षात्कार के दौरान कहा कि यह तथ्य बहुत कुछ बताता है कि वैश्विक नेतृत्व, विशेष रूप से वैश्विक वित्तीय नेतृत्व प्रधानमंत्री मोदी का दावोस में फिर से स्वागत करने को लेकर उत्सुक है. उन्होंने कहा कि यहां मौजूद वैश्विक नेता ऐसे समय में एक उदार और विश्वसनीय भागीदार के रूप में भारत की बात कर रहे हैं, जब कई देशों की अर्थव्यवस्थाओं की हालत खराब है और समग्र भू-राजनीतिक परिदृश्य विखंडित है.

मोदी ने 2018 में यहां डब्ल्यूईएफ की वार्षिक बैठक में भाग लिया था. उन्होंने 2021 और 2022 में वैश्विक नेताओं की इस सभा को डिजिटल तरीके से संबोधित किया था.

महिला एवं बाल विकास के साथ-साथ अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री ईरानी यहां डब्ल्यूईएफ वार्षिक बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रही हैं, जिसमें विश्व भर की सरकारों, व्यवसायों, शिक्षा जगत, कला जगत और संस्कृति जगत और नागरिक समाज के लगभग 3,000 नेता भाग ले रहे हैं.

ईरानी ने वैश्विक नेताओं के साथ उनकी बातचीत के बारे में पूछे जाने पर कहा कि विश्वभर के नेता भारत की विकास गाथा और इसकी भावी क्षमताओं और देश में नीतिगत एवं राजनीतिक स्थिरता को लेकर भी आश्वस्त हैं.

उन्होंने कहा कि विश्व आर्थिक मंच के अध्यक्ष (बोर्गे ब्रेंडे) ने भी एक साक्षात्कार में सार्वजनिक रूप से कहा था कि उन्हें उम्मीद है कि वह 2025 में प्रधानमंत्री मोदी को दावोस में पुन: आमंत्रित करेंगे. उन्होंने कहा, ‘‘इसका मतलब है कि वैश्विक समुदाय प्रधानमंत्री मोदी के दोबारा सत्ता में आने को लेकर आश्वस्त है.''

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ईरानी ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी न केवल नीतिगत सुधारों को लेकर बल्कि यह सुनिश्चित करने को लेकर भी दृढ़ रहे हैं कि हमारी विकास गाथा में सामाजिक क्षेत्र को नजरअंदाज न किया जाए.' मंत्री ने कहा कि समावेशी विकास एजेंडे में भारत के योगदान को दावोस में सराहा जा रहा है.

उन्होंने कहा, ‘‘आईटी (सूचना प्रौद्योगिकी) क्षेत्र में हमारी डिजिटल क्षमता के अलावा यह तथ्य भी दावोस में चर्चा का विषय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दुनिया को दिखाया है कि डिजिटल लोकतंत्र कैसे काम करता है.''

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ईरानी ने कहा कि दुनिया देख रही है कि प्रधानमंत्री मोदी के शासन के एजेंडे के तहत भारत में कैसे सामाजिक क्रांति लाई गई और विश्व इसका अनुकरण करना चाहता है.

उन्होंने कहा कि भारत ने कोविड-19 महामारी के दौरान स्वास्थ्य सेवा संबंधी बुनियादी ढांचे के संबंध में जो मानवीयता दिखाई, वैक्सीन मैत्री के तहत भारत ने 160 से अधिक देशों को जो मदद दी, उसने देश को स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में न केवल ख्याति दिलाई, बल्कि यह भी साबित किया कि जब दुनिया को जरूरत पड़ती है तो भारत और भारतीयों ने समाधान मुहैया कर जिम्मेदारी पूर्ण कदम उठाए हैं.

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एआई (कृत्रिम मेधा) के जरिये गलत सूचना और दुष्प्रचार को दुनिया के समक्ष एक प्रमुख जोखिम के तौर पर उल्लेख किये जाने पर, ईरानी ने कहा कि भारत ने लोगों को शामिल करने और यह सुनिश्चित करने के लिए एक मजबूत प्रणाली बनाई है कि उन्हें (लोगों को )फर्जी खबरों के खतरे के बारे में अच्छी तरह से जानकारी मिले. साथ ही कहा कि सरकार और मीडिया दोनों किसी भी गलत सूचना और दुष्प्रचार का भंडाफोड़ करने को लेकर भागीदारी कर रहे हैं.

भाषा

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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