जनरल बिपिन रावत हेलिकॉप्टर दुर्घटना : खराब मौसम में पायलट की गलती से हुआ हो सकता है क्रैश- सूत्र

सूत्रों ने बताया कि जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत सहित 11 अन्य लोगों को ले जा रहा वायुसेना क Mi-17V5 हेलिकॉप्टर CFIT, या Controlled Flight Into Terrain जैसी दुर्घटना का शिकार हो गया था.

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8 दिसंबर को जनरल बिपिन रावत समेत कुल 14 लोग इस दुर्घटना का शिकार हुए थे. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

चीफ डिफेंस ऑफ स्टाफ जनरल बिपिन रावत के चॉपर के क्रैश होने के पीछे पायलट की गलती हो सकती है. सूत्रों ने बुधवार को इसकी जानकारी दी. पिछले महीने 8 दिसंबर को वायुसेना के एक विमान का हादसा हो गया था, जिसमें कुल 14 लोगों की जान चली गई. जानकारी थी कि इस हादसे पर आज वायुसेना के अधिकारी केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को रिपोर्ट देने वाले थे. सूत्रों ने बताया कि जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत सहित 11 अन्य लोगों को ले जा रहा वायुसेना क Mi-17V5 हेलिकॉप्टर CFIT, या Controlled Flight Into Terrain जैसी दुर्घटना का शिकार हो गया था.

CFIT ऐसी दुर्घटनाओं को बोलते हैं, जिनमें दुर्घटना का शिकार हुए एयरक्राफ्ट में कोई गड़बड़ी नहीं होती है और पायलट का विमान पर नियंत्रण होता है, लेकिन अचानक किसी वजह से विमान दुर्घटना का शिकार हो जाता है. ऐसे मामलों में पायलट बहुत अंत तक खतरे को भांप नहीं पाते हैं.

सूत्रों ने बताया है कि इस क्रैश कै दौरान मौसम भी खराब था. इस विमान को काफी भरोसेमंद और सुरक्षित माना जाता रहा है. ऐसे में अब तक जो सूत्रों के हवाले से जानकारी मिली है, उसके हिसाब से दुर्घटना CFIT की वजह से हुई हो सकती है.

आठ दिसंबर को हुई इस हेलिकॉप्टर दुर्घटना का तीनों सेनाओं के दल द्वारा जांच का आदेश दिया गया था. तमिलनाडु के नीलगिरि हिल्स में चॉपर क्रैश में प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और 11 अन्य सैन्य कर्मियों की मौत हो गयी थी. हादसे में घायल ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह की कुछ दिन बाद इलाज के दौरान अस्पताल में मौत हो गई थी.

इसके पहले भी खबर आई थी कि एयर मार्शल मानवेंद्र सिंह की अगुवाई में हुई जांच ने पाया है कि खराब मौसम के चलते पायलट का ध्यान भटक गया जिस वजह से हादसा हुआ. तकनीकी आधार पर कहें तो इस तरह के हादसे तब होते हैं जब पायलट डिसओरिएंट हो जाय या फिर हालात का सही अंदाजा ना लगा पाए और गैर इरादतन हेलिकॉप्टर किसी से टकरा जाए. जबकि पायलट का हेलिकॉप्टर पर पूरा कंट्रोल होता है. ऐसे हालात को 'Controlled Flight Into Terrain' कहा जाता है.

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