जुलाई से सितंबर की तिमाही में जीडीपी में 8.4% की वृद्धि, पिछली तिमाही में 20.1% था आंकड़ा

वित्त वर्ष 2020-21 की दूसरी तिमाही में जीडीपी ऋणात्मक 7.4 फीसदी रही थी, जो इस साल 8.4 फीसदी रही है. आठ औद्योगिक क्षेत्र की वृद्धि दर अक्टूबर में 7.5 फीसदी रही है, जो पिछले साल इसी माह में 0.5 फीसदी रही थी. 

Advertisement
Read Time: 20 mins
G
नई दिल्ली:

कोरोना की मार के बाद अर्थव्यवस्था (Indian Economy) में सुधार दिख रहा है. हालांकि वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही के मुकाबले दूसरी तिमाही में आर्थिक विकास दर (GDP Growth Rate) काफी कम रही है. जुलाई से सितंबर की तिमाही में विकास दर 8.4 फीसदी रही है. जो वित्त वर्ष की पहली तिमाही अप्रैल-जून में 20.1 फीसदी रही थी. हालांकि पिछले साल वित्तीय वर्ष की दूसरी तिमाही से तुलना करें तो यह काफी बेहतर है. वित्त वर्ष 2020-21 की दूसरी तिमाही में जीडीपी ऋणात्मक 7.4 फीसदी रही थी. आठ औद्योगिक क्षेत्र की वृद्धि दर अक्टूबर में 7.5 फीसदी रही है, जो पिछले साल इसी माह में 0.5 फीसदी रही थी. 

जीडीपी विकास दर विश्लेषकों के अनुमानों के हिसाब से रही है. इंडिया रेटिंग्स ने 8.3 फीसदी जीडीपी की बात कही थी. कृषि क्षेत्र की विकास दर भी 4.5 फीसदी रही है. एचडीएफसी ने अर्थशास्त्रियों के बीच एक सर्वे किया था और उसमें 7 से 8 फीसदी के बीच जीडीपी रहने का अनुमान लगाया गया था. हालांकि गोल्डमैन सॉक्स ने जीडीपी ग्रोथ 9.1 फीसदी रहने का अनुमान लगाया था. 

सरकार ने जीडीपी की दूसरी तिमाही के आंकड़े ऐसे वक्त जारी किए हैं, जब एक बार फिर कोरोना के नए वैरिएंट का खतरा दुनिया पर मंडरा रहा है. हालांकि डेल्टा वैरिएंट के कहर के बाद भारत में कोरोना के रोजाना के मामले अब दस हजार से भी कम रह गए हैं. 

Advertisement

अर्थशास्त्रियों का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2022 की तीसरी तिमाही में जीडीपी की रफ्तार औऱ तेज होगी, क्योंकि वो त्योहारी सीजन में आती है और जिसमें बेहतर औद्योगिक उत्पादन भी देखने को मिला है. दूसरी तिमाही में विनिर्माण यानी मैन्युफैक्चरिंग की बात करें तो उसकी वृद्धि दर 5.5 फीसदी रही है. जबकि निर्माण क्षेत्र की विकास दर 7.5 फीसदी रही है. निजी क्षेत्र का उपभोग भी बढ़ा है, जिसे भी अर्थशास्त्री अच्छा संकेत मान रहे हैं. माइनिंग सेक्टर में वृद्धि दर 15.4 फीसदी रही है. जबकि इलेक्ट्रिसिटी गैस वाटर सप्लाई और अन्य यूटिलिटी सर्विसेज में ग्रोथ रेट 8.9 फीसदी रही है. 

Advertisement

आर्थिक विशेषज्ञों का कहना है कि देश में वैक्सीनेशन की तेज रफ्तार और कोरोना के मामलों में कमी के बीच अर्थव्यवस्था तेज कुलांचे भर रही है. रिजर्व बैंक ने पूरे वित्त वर्ष 2021-22 में विकास दर 9.5 फीसदी रहने की संभावना जताई है. दो तिमाहियों के बेहतर नतीजों से यह लक्ष्य पाने की संभावना बढ़ गई है.  हालांकि दूसरी तिमाही में एफएमसीजी सेक्टर में गिरावट आना निराशाजनक माना जा रहा है. फाइनेंस, इंश्योरेंस, रियल एस्टेट ग्रोथ 7.8 फीसदी रही है. इलेक्ट्रिसिटी ग्रोथ 5.9 फीसदी रही है. 

Advertisement
Featured Video Of The Day
Latur News: Hostel में जहरीला खाना खाने से 50 छात्राएं बीमार, खाने में छिपकली के होने का आरोप
Topics mentioned in this article