उत्तर प्रदेश में आजमगढ़ के बाहुबली समाजवादी पार्टी के विधायक रमाकान्त यादव और उनके गैंग के 15 अन्य सदस्यों को हत्या और जहरीली शराब बनाने के आरोप में वाराणसी जोन के एडीजी पीयूष मोर्डिया द्वारा 'आईआर-42 गैंग' के रूप में सूचीबद्ध किया गया है. यह कार्रवाई उनके द्वारा की गई जघन्य अपराधों को रोकने के लिए की गई है, जो आजमगढ़, जौनपुर और लखनऊ जिलों में फैले हुए थे. एडीजी वाराणसी ने 30 नवम्बर को रमाकान्त यादव और उनके गैंग के सदस्य जनपद आजमगढ़, जौनपुर और लखनऊ में हत्या और जहरीली शराब का कारोबार करते थे. इन आरोपियों ने आपराधिक गतिविधियों से पैसा कमाने के लिए बड़ी संख्या में लोगों की जान से खेला. इनकी गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए इन्हें 'आईआर-42 गैंग' के रूप में सूचीबद्ध किया गया है.
गैंग के प्रमुख सदस्य रंगेश यादव, जो कि सपा विधायक रमाकान्त यादव के भांजे हैं, उनके ठेके से 2022 में जहरीली शराब की बिक्री हुई थी, जिसके कारण 7 लोगों की मौत हो गई थी और 60 से अधिक लोग बीमार हो गए थे. पुलिस द्वारा इस मामले में कठोर कार्रवाई की गई थी और गैंगेस्टर एक्ट और रासुका के तहत 13 आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी.
पुलिस की जांच में पता चला कि इस गैंग में शामिल अन्य सदस्य भी कई जघन्य अपराधों में लिप्त रहे हैं. इन आरोपियों में रंगेश यादव, सूर्यभान, पुनीत कुमार यादव, रामभोज अहिरौला, अशोक यादव, मोहम्मद फहीम और अन्य शामिल हैं. इनमें से कुछ आरोपी पहले ही जेल में बंद हैं, जबकि कुछ की जमानत हो चुकी है.
सपा विधायक रमाकांत यादव, जो 26 जुलाई 2022 से जेल में बंद हैं, पर हत्या और जहरीली शराब बनाने के आरोप हैं. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि गैंग के सदस्यों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कड़ी कार्रवाई की जा रही है और सभी आरोपियों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है. एसपी हेमराज मीणा ने बताया कि पुलिस इस गैंग की हर गतिविधि पर कड़ी नजर रखे हुए है, और मामले की पूरी गंभीरता से जांच की जा रही है.