बनारस से डिब्रूगढ़, वाया ढाका - जानें 'गंगा विलास' क्रूज़ में 52 दिन के सफ़र की क्या है खासियत, कितना है किराया

13 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 'गंगा विलास' क्रूज, को हरी झंडी दिखाएंगे जिसके बाद यह क्रूज़ यात्रियों को लेकर बनारस से रवाना हो जाएगा.

विज्ञापन
Read Time: 21 mins
वाराणसी:

'गंगा विलास' क्रूज वाराणसी पहुंच चुका है. शुक्रवार 13 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इसे हरी झंडी दिखाएंगे. यह बनारस से चलकर बांग्लादेश के ढाका से होते हुए डिब्रूगढ़ तक जाएगा. इस क्रूज़ में 18 कमरे हैं. जिसमें 36 लोग सफर कर सकते हैं. यात्रियों के साथ ही 36 क्रू मेंबर भी इसमें सवार होंगे. इस क्रूज में फिल्टरेशन प्लांट है जिसकी वजह से गंगा का पानी लेकर ही उसे फिल्टर करके नहाने धोने और दूसरे काम में प्रयोग किया जायेगा. इस क्रूज़ का अपना एसटीपी प्लांट है जिससे गंगा में पॉल्यूशन नहीं होगा.  इस जहाज में 40000 लीटर का फ्यूल टैंक है जिससे 30-40 दिन तक फ्यूल की कमी नहीं होगी.

यात्रियों की सुविधा को ध्यान रखते हुए तकरीबन 60,000 लीटर के पानी का टंकी है जिससे अगर खारे पानी में भी क्रूज जाता है तो 2 से 3 दिन तक पानी की कमी नहीं होगी. इस क्रूज़ में स्पा है, जिम है, लाइब्रेरी है और सन बाथ के लिये रूफटॉप की व्यवस्था है. इस क्रूज में यात्रा के लिए एक व्यक्ति का किराया एक रात के लिए  25000 से 50000 के बीच होगी. पूरी यात्रा 3200 किलोमीटर की है गंगा विलास क्रूज़ बनारस से पटना , कलकत्ता, ढाका से गुवाहाटी फिर काजीरंगा होते हुए  डिब्रूगढ़ तक पहुंचेगा.  कुल 52 दिन की यात्रा होगी. अभी इसमें 31 यात्री आ रहे हैं. इन सभी यात्रियों को स्विट्जरलैंड की ट्रैवेल कंपनी ने ऑर्गेनाइज किया है. 

बनारस से जाने वाला यह क्रूज़ नदी परिवहन और पर्यटन के लिए एक बड़ा मील का पत्थर साबित होगा क्योंकि यह जिन इलाकों से होकर गुजरेगा उन छोटे-छोटे जिलों में भी रुकेगा. जिससे  पर्यटक उन जिलों से वाकिफ़ होंगे और इनके वहां जाने से टूरिज्म बढ़ेगा.  

पीएमओ की तरफ से कहा गया है कि यह पहल देश की सांस्कृतिक जड़ों से जुड़ने और उसकी विविधता के खूबसूरत पहलुओं की खोज करने का एक अनूठा अवसर है. पीएमओ ने कहा कि क्रूजर में तीन डेक और 18 सुइट्स हैं, जिसमें 36 पर्यटकों को ले जाने की क्षमता है और सभी अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस हैं.पीएमओ के मुताबिक पहली यात्रा में स्विट्जरलैंड के 32 पर्यटक शामिल हैं, जो यात्रा की पूरी अवधि के दौरान इसमें रहेंगे.

Advertisement

क्रूज को इस प्रकार तैयार किया गया है ताकि दुनिया के सामने देश की सर्वश्रेष्ठ चीजें प्रदर्शित हों. क्रूज के माध्यम से विश्व धरोहर स्थलों, राष्ट्रीय उद्यानों, नदी घाटों और बिहार के पटना, झारखंड के साहिबगंज, पश्चिम बंगाल के कोलकाता, बांग्लादेश के ढाका और असम के गुवाहाटी जैसे प्रमुख शहरों सहित 50 पर्यटन स्थलों की यात्रा की जा सकेगी.

Advertisement

बयान में कहा गया कि रिवर क्रूज पर्यटन को बढ़ावा देने के प्रधानमंत्री के प्रयासों के अनुरूप ही यह सेवा इस क्षेत्र की विशाल अप्रयुक्त क्षमता का फायदा उठाने और भारत के लिए पर्यटन के एक नए युग की शुरुआत करने में मदद करेगी. इसे वाराणसी विकास प्राधिकरण द्वारा पीपीपी मोड में विकसित किया गया है. पर्यटक आसपास स्थित विभिन्न घाटों से नावों से 'टेंट सिटी' पहुंचेंगे.  'टेंट सिटी' हर साल अक्टूबर से जून तक चालू रहेगी और बारिश के मौसम में नदी के जल स्तर में वृद्धि के कारण तीन महीने के लिए बंद हो जाएगी.

Advertisement
Featured Video Of The Day
Budget 2025 का सम्पूर्ण निचोड़, अर्थ जगत के सबसे बड़े दिग्गजों से समझिए बजट 2025 | Nirmala Sitharaman
Topics mentioned in this article