गंगा एक्सप्रेस-वे पर जब दहाड़ते निकले भारत के फाइटर जेट्स, देखें VIDEO

गंगा एक्सप्रेसवे पर बनी हवाई पट्टी पर लड़ाकू विमानों का 'टच एंड गो' रिहर्सल किया गया. गंगा एक्सप्रेसवे देश के लिए काफी अहम है. यहां से चीन की सीमा नजदीक है, इस लिहाज से इस एक्सप्रेसवे का रणनीतिक महत्व भी है.

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गंगा एक्सप्रेसवे पर फाइटर जेट्स का पराक्रम

Ganga Expressway Fighter Jets Rehearsal: पहलगाम आतंकी हमले के बीच भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव का माहौल है. इसको देखते हुए देश के अलग-अलग हिस्सों में भारतीय सेना का पराक्रम देखकर पाकिस्तान की नींद उड़ी हुई है. इसी बीच ऐसी ही तस्वीर उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले से सामने आई है.  जहां हमने पूरी दुनिया को यह भी बताया कि हमारे एक्सप्रेसवे इतने मजबूत है कि जरूरत पड़ने पर यहां लड़ाकू विमान को भी उतारा जा सकता है. जलालाबाद में गंगा एक्सप्रेसवे पर बनी एयर स्ट्रिप पर शुक्रवार को भारतीय वायुसेना की ताकत देख पाकिस्तान भी थर्रा गया. इस आधुनिक एयर स्ट्रिप की लंबाई 3 किलोमीटर है, इस पर भारतीय वायुसेना के राफेल, मिराज, जगुआर जैसे एडवांस फाइटर जेट्स ने दिन में 'टच एंड गो' रिहर्सल करके अपनी शक्ति और कौशल का प्रदर्शन किया. साथ ही यह भी बताया गया है कि भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान रात में भी इस क्रम को दोहराएंगे.

एक्सप्रेसवे पर लड़ाकू विमानों का 'टच एंड गो' रिहर्सल

दरअसल शाहजहांपुर में गंगा एक्सप्रेसवे पर बनी हवाई पट्टी पर लड़ाकू विमानों का 'टच एंड गो' रिहर्सल किया गया. लड़ाकू विमानों का शो देखने के लिए 500 से ज्यादा स्कूली बच्चों को बुलाया गया. गंगा एक्सप्रेसवे पर 3 किलोमीटर लंबी हवाई पट्टी बनाई गई है, जिस पर मिराज, जगुआर, मिग 29 और राफेल ने अपनी ताकत दिखाई.

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साथ ही कैरियर एयरक्राफ्ट और हरक्यूलस जैसे विमानों ने भी अपने कौशल का परिचय दिया. अदाणी ग्रुप से जुड़े अधिकारी ने बताया कि गंगा एक्सप्रेसवे देश में सबसे बड़ा है. यह एक्सप्रेसवे 594 किलोमीटर लंबा है. यह मेरठ से प्रयागराज को जोड़ता है. यह एक ऐतिहासिक प्रोजेक्ट है. गंगा एक्सप्रेसवे देश और राज्य के लिए काफी अहम है. यहां से चीन की सीमा नजदीक है, इस लिहाज से इस एक्सप्रेसवे का रणनीतिक महत्व भी है. इस एक्सप्रेसवे की क्वालिटी भी काफी अच्छी है.

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594 किलोमीटर लंबा गंगा एक्सप्रेसवे

मेरठ से प्रयागराज को जोड़ने वाले 594 किलोमीटर लंबे गंगा एक्सप्रेसवे का 464 किलोमीटर का निर्माण कार्य (बदायूं से प्रयागराज तक) अदाणी ग्रुप कर रहा है. बदायूं से हरदोई तक 151.7 किमी, हरदोई से उन्नाव तक 155.7 किमी और उन्नाव से प्रयागराज तक 157 किमी के हिस्सों में काम तेजी से चल रहा है.

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इस एक्सप्रेसवे को छह लेन से आठ लेन तक बढ़ाया जा सकता है. डिजाइन, निर्माण, वित्त, संचालन और हस्तांतरण मॉडल पर बने इस एक्सप्रेसवे का 80 प्रतिशत से ज्यादा काम पूरा हो चुका है. इसकी रियायत अवधि 30 वर्ष होगी.

अदाणी समूह के पास इस समय 35,000 करोड़ रुपए से अधिक लागत के 13 प्रोजेक्ट्स हैं, जिनके तहत देश के नौ राज्यों में पांच हजार किलोमीटर से ज्यादा सड़कों का निर्माण किया जा रहा है. भारत के सबसे लंबे गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण, विश्वस्तरीय जटिल इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के प्रबंधन में अदाणी समूह की क्षमता और निष्पादन की गति का प्रमाण है.

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