महाराष्ट्र के बीड जिले में सामूहिक बलात्कार की पीड़ित एक महिला अब तीन गांव वालों से 'लड़ाई' लड़ रही है. गैंगरेप के चारों आरोपियों को सज़ा दिलाने के बाद अब पीड़िता के गांव सहित पास के दो और गांवों ने महिला का बहिष्कार करने का फैसला किया है. पुलिस अब मामले की जांच में जुटी हुई है..महिला के बीड स्थित में घर पर ग्राम पंचायत की ओर से इस तरह का नोटिस लगाया गया है जिसमें लिखा है कि महिला का गांव में बहिष्कार किया जाता है. दरअसल, सामूहिक बलात्कार की पीड़ित यह महिला वर्ष 2015 से अपनी 'जंग' लड़ रही है, पांच साल बाद 2020 में मामले के चारों आरोपियों को आजीवन कारावास की सज़ा दी गई है.लेकिन इसके बाद भी इस महिला की परेशानी खत्म नहीं हुई हैं. न केवल इस महिला के गांव ने, बल्कि आसपास के दो और गांव ने पीड़िता का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है.
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पीड़िता ने बताया, 'ग्राम पंचायत के लोग धमकी देते हैं कि जब तुमने गांव के लोगों के खिलाफ शिकायत कर उन्हें सजा दिलाई तो गाँव में क्यों रहते हो.घर के बाहर नोटिस भी लगाया हैजबकि हमारा यहाँ पर कई सालों से घर है.इस पूरे मामले में पुलिस में शिकायत भी दर्ज की गई है और पुलिस स्टेशन के बाहर हंगामा भी हुआ है.
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दूसरी ओर, गांववालों के अनुसार महिला झूठा केस करने की धमकी देती है, जिसके वजह से उन्होंने बहिष्कार करने का निर्णय किया है. ग्राम पंचायत के सदस्य कहते हैं, 'गांव में हर किसी को रहने का अधिकार है लेकिन अगर बिना वजह किसी पर कार्रवाई होती है तो उसका हम विरोध करेंगे.पुलिस को अपने जांच में गांववालों से भी बात करने के बाद ही कोई फैसला लेना चाहिए.' फिलहाल इस मामले में किसी पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है.