G20 : Digital Infrastructure के क्षेत्र में आपसी सहयोग बढ़ाने का फैसला, भारत बना ग्लोबल लीडर

इस समझौते के तहत डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास, डिप्लॉयमेंट और गवर्नेंस के लिए एक "G20 Framework for Systems of Digital Public Infrastructure" पर भी G20 शिखर सम्मेलन के दौरान सहमति बनी है.

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G20 शिखर सम्मेलन के आयोजन स्थल भारत मंडपम में डिजिटल इंडिया का एक अलग जोन बनाया गया है.

नई दिल्ली:

G20 देशों ने Digital Public Infrastructure (DPI) के क्षेत्र में आपसी सहयोग बढ़ाने का फैसला किया है. शनिवार को G20 शिखर सम्मलेन में आम सहमति से तैयार G20 New Delhi Leaders' Declaration में कहा गया, "हम मानते हैं कि एक सुरक्षित, विश्वसनीय, जवाबदेह और समावेशी डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर, जो मानवाधिकारों, व्यक्तिगत डेटा, निजता और intellectual property rights का सम्मान करता हो, वो सर्विस डिलीवरी और इनोवेशन को बेहतर कर सकता है".

GDPIR स्थापित करने की योजना
G20 देशों ने भारत द्वारा एक Global Digital Public Infrastructure Repository (GDPIR) स्थापित करने की योजना का स्वागत किया है. ये DPI का एक वर्चुअल रिपॉजिटरी होगा, जो स्वेच्छा से G20 सदस्य देश साझा करेंगे. G20 ने भारतीय प्रेसीडेंसी की तरफ से रखे गए One Future Alliance (OFA) के प्रस्ताव का भी संज्ञान लिया है. OFA एक स्वैच्छिक पहल है, जिसका उद्देश्य निम्न और मध्यम आय वाले देशों (Low- and Middle-income Countries) में डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के ज़रूरी तकनीकी सहायता और वित्तीय मदद पहुंचाना है.

Good Practices शेयर करेंगे
साथ ही, इस समझौते के तहत डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास, डिप्लॉयमेंट और गवर्नेंस के लिए एक "G20 Framework for Systems of Digital Public Infrastructure" पर भी G20 शिखर सम्मेलन के दौरान सहमति बनी है. इसके अलावा, G20 New Delhi Leaders' Declaration में कहा गया है कि डिजिटल इकोनॉमी हर देश के लिए बेहद अहम हो गया है, इसीलिए G20 देश एक सक्षम, समावेशी, ओपन, निष्पक्ष, भेदभाव रहित और सुरक्षित डिजिटल अर्थव्यवस्था तैयार करने के लिए एक-दूसरे के साथ अपने good practices शेयर करेंगे.

ग्लोबल लीडर बना भारत
G20 देशों का मानना है कि डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर एक उभरता हुआ व्यवस्था सेक्टर है, जिसकी मदद से बेहतर तरीके से आम लोगों तक सरकारी सुविधाओं को पहुंचाया का सकता है. भारत को डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में ग्लोबल लीडर माना जाता है. अगस्त महीने में UPI के 10 बिलियन से भी ज्यादा ट्रांजेक्शन्स रिकॉर्ड किये गए, जो भारत की क्षमता को दर्शाता है.

25 से 30 देश चाहते हैं समझौता
दरअसल, पब्लिक डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर में भारत की क्षमता पर ग्लोबल स्पॉटलाइट रहा है. बहुत सारे देशों ने भारत से UPI सिस्टम सेटअप करने के लिए मदद मांगी है.मिनिस्ट्री ऑफ़ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड आईटी के मुताबिक अब तक भारत ने डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर सेटअप करने के लिए 8 देशों से MOU sign कर लिए हैं, जबकि  25 से 30 और देश हैं, जो ये समझौता करना चाहते हैं.
 

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