प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आने वाली पीढ़ियां संत-दार्शनिक आदि शंकराचार्य द्वारा हमारी संस्कृति की रक्षा में दिए योगदान की ऋणी रहेंगी. प्रधानमंत्री ने बृहस्पतिवार को ‘आदि शंकर जन्म भूमि क्षेत्रम' में प्रार्थना की, जो केरल के एर्णाकुलम जिला स्थित कलाडी गांव में आदि शंकराचार्य की जन्म स्थली है.
उन्होंने बृहस्पतिवार देर रात ट्वीट कर कहा कि वह आदि शंकराचार्य की जन्म स्थली जाकर ‘बहुत धन्य' महसूस कर रहे हैं.
पीएम मोदी ने अपने दौरे की तस्वीरें भी ट्वीट कीं. उन्होंने कहा, ‘मैं श्री आदिशंकर जन्मभूमि क्षेत्रम जाकर बहुत धन्य महसूस कर रहा हूं. यह निश्चित तौर पर एक खास जगह है. महान आदि शंकाराचार्य द्वारा हमारी संस्कृति की रक्षा के लिए दिए गए बड़े योगदान के वास्ते आने वाली पीढ़ियां हमेशा उनकी ऋणी रहेंगी.'
केरल की दो दिनों की यात्रा पर आए मोदी की कलाडी स्थित मंदिर के पदाधिकारियों ने अगवानी की, जहां प्रधानमंत्री ने 45 मिनट बिताए और पूजा-अर्चना की.
इससे पहले, उन्होंने नेदुम्बासरी में कोचीन अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा के पास एक जनसभा को संबोधित करते हुए भारत के इस दार्शनिक संत के योगदान को याद किया.
पीएम मोदी ने कहा कि आदि शंकराचार्य की धरोहर को श्री नारायण गुरु, चट्टम्पी स्वामीकल और अय्यंकाली जैसे कई संत एवं समाज सुधारक केरल से बाहर ले गए.
आदि शंकराचार्य अपने ‘अद्वैत' दर्शन को लेकर जाने जाते हैं.
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