अदाणी ग्रुप शेयरों की शॉर्ट सेलिंग से 12 शॉर्ट सेलरों को हुआ फ़ायदा : रिपोर्ट

रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि किसी भी शॉर्ट सेलर, जिनमें तीन भारत से और चार मॉरीशस से थे, ने आयकर अधिकारियों को अपने मालिकाना ढांचे की जानकारी नहीं दी थी.

विज्ञापन
Read Time: 16 mins
हिंडनबर्ग रिपोर्ट की ED द्वारा की गई जांच के हवाले से एक रिपोर्ट प्रकाशित की गई है... (फ़ाइल फ़ोटो)
नई दिल्ली:

अदाणी समूह की कंपनियों के शेयरों में हुई शॉर्ट सेलिंग से विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों और विदेशी संस्थागत निवेशकों समेत एक दर्जन कंपनियों को सबसे ज़्यादा फ़ायदा हुआ. 'द इंडियन एक्सप्रेस' ने इस साल जनवरी में बाज़ारों के ढह जाने की वजह बनी हिंडनबर्ग रिपोर्ट की प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा की गई जांच के हवाले से यह रिपोर्ट प्रकाशित की है.

शॉर्ट-सेलिंग दरअसल निवेश का वह तरीका है, जिसमें बेचने के नाम पर प्रतिभूतियों को उधार लिया जाता है और बाद में कीमतें गिर जाने पर वापस खरीद लिया जाता है. इस प्रक्रिया में दरअसल निवेशक दांव लगाते हैं, और शेयर की कीमतों में गिरावट से मुनाफा कमाते हैं.

'इंडियन एक्सप्रेस' के अनुसार, ED ने जांच के दौरान तय किए गए निष्कर्ष बाज़ार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के साथ जुलाई में साझा किए थे.

रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि किसी भी शॉर्ट सेलर, जिनमें तीन भारत से और चार मॉरीशस से थे, ने आयकर अधिकारियों को अपने मालिकाना ढांचे की जानकारी नहीं दी थी.

रिपोर्ट के अनुसार, इनमें से कुछ कंपनियों ने 24 जनवरी को हिंडनबर्ग रिपोर्ट प्रकाशित होने से दो या तीन दिन पहले ही कथित तौर पर सौदे खोल दिए थे. कुछ अन्य ने पहली बार शॉर्ट सेलिंग में किस्मत आज़माई थी.

विदेशी निवेशक, जो SEBI के पास रजिस्टर्ड होते हैं, को डेरिवेटिव्स के सौदे करने की अनुमति होती है. डेरिवेटिव्स वे वित्तीय उपकरण होते हैं, जो बाज़ार जोखिमों को कम कर शॉर्ट-टर्म सौदों की अनुमति देते हैं.

रिपोर्ट में इनमें से कुछ शॉर्ट सेलरों की अनियमित कमाई के पैटर्न की ओर भी इशारा किया गया है. रिपोर्ट के अनुसार, SEBI ने निवेशकों को गुमराह करने के आरोप में एक भारतीय कंपनी के प्रमोटर के खिलाफ आदेश भी पारित किया.

Advertisement

हिंडनबर्ग ने आरोप लगाया था कि उद्योगपति गौतम अदाणी ने अदाणी समूह की कंपनियों के स्टॉक की कीमतों में हेरफेर करने के लिए मॉरीशस में शेल कंपनियों का इस्तेमाल किया था. अदाणी समूह ने सभी आरोपों से इंकार किया और हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को भारत, उसके संस्थानों और विकासगाथा पर 'सोचा-समझा हमला' करार दिया था.

इसके बाद, सुप्रीम कोर्ट ने SEBI को मामले की जांच कर रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया था.

सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त विशेषज्ञ पैनल ने दाखिल की गई अपनी रिपोर्ट में कहा था कि अदाणी समूह की ओर से कीमतों में कोई हेरफेर नहीं किया गया था और समूह ने खुदरा निवेशकों को सुरक्षा देने के लिए आवश्यक कदम उठाए थे.

Advertisement

(Disclaimer: New Delhi Television is a subsidiary of AMG Media Networks Limited, an Adani Group Company.)

Featured Video Of The Day
Delhi में आयोजित Lehar Art Exhibition में छात्रों द्वारा बनाए गए पेंटिंग्स, फिल्म, मैगजीन की पेशकश
Topics mentioned in this article