18वीं लोकसभा में विपक्ष नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने नीट और दूसरी परीक्षाओं में पेपर लीक और धांधलियों का मुद्दा उठाया और सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में शिक्षा व्यवस्था को पारदर्शी बनाने की बात भी कही. इस पर नेता प्रतिपक्ष ने सरकार की नीति पर सवाल उठाते हुए कहा, "ताजा मामलों में NEET-UG और UGC-NET में धांधली, पेपर लीक और भ्रष्टाचार के मामले सामने आए हैं लेकिन फिर भी कई पेपर भी रद्द हुए. इस वजह से 30 लाख बच्चों का भविष्य तबाह हुआ. पिछले 7 सालों में कुल 70 पेपर लीक हुए और 2 करोड़ नौजवानों का भविष्य चौपट हुआ. ये पूरी व्यवस्था पर सवाल उठाता है. आज पेपर हुआ, कल रद्द हो गया. 5 मई को पटना और गोधरा से पेपर लीक की खबरें आईं लेकिन सरकार इन्हें छिपाती रही. शिक्षा मंत्री ने पेपर लीक मानने से इंकार कर NTA को CLEAN CHIT दी. हालांकि, पुलिस जांच में आरोपी पकड़े गए."
संसद में मचा हंगामा
इसके बाद संसद में हंगामा मच गया. उपराष्ट्रपति और राज्य सभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा, "क्या किसी संस्था का सदस्य होना अपराध है? कोई व्यक्ति RSS का सदस्य तो क्या ये अपराध है?". बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्य सभा में सदन के नेता, जेपी नड्डा ने इसपर कड़ा ऐतराज जताते हुए कहा, "ये जो वक्तव्य इन्होंने दिया ये निंदनीय है. ये तथ्यों से परे है और इसको एक्सपंज करना चाहिए".
पटना हाई कोर्ट के फैसले को लेकर भी उठे सवाल
संसद में अग्निवीर योजना, बेरोज़गारी से लेकर बिहार सरकार के आरक्षण कोटा बढ़ाने के खिलाफ पटना हाई कोर्ट के फैसले को लेकर भी सवाल उठे. आराजेडी के सांसद मनोज झा ने कहा, "आज बिहार की सबसे बड़ी मांग है कि सर्वेक्षण के बाद आरक्षण का जो दायरा बढ़ाया गया उसे नौवीं अधिसूची में रखिए. हम इंतज़ार कर रहे हैं कि बिहार सरकार इसे चुनौती दे, नहीं तो RJD पीटीशन लेकर सुप्रीम कोर्ट जाएगा".
संविधान को लेकर भी जमकर हुई राजनीति
संविधान को लेकर भी 18वीं लोकसभा में जमकर राजनीति हुई है. राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान भी कई विपक्षी सांसदों ने ये सवाल फिर उठाया. इसपर सत्ताधारी एनडीए के घटक दाल NCP के सांसद प्रफुल्ल पटेल ने पलटवार करते हुए कहा, "संविधान पर प्रहार की बात हुई है. आर्टिकल 356 का कितना उपयोग और दुरूपयोग कितनी बार हुआ हम जानते हैं. दस साल में सरकार ने एक बार भी आर्टिकल 356 का इस्तेमाल नहीं किया है. मेरे नेता पवार साहब 1980 में महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री थे. आर्टिकल 356 का इस्तेमाल पवार साहब के खिलाफ भी हुआ था".
आज पीएम मोदी अपने भाषण में देंगे सभी सवालों के जवाब
ज़ाहिर है, राज्य सभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण के दौरान तीखी बहस हुई. विपक्षी दलों के सांसदों ने एनडीए सरकार की नीतियों पर सवाल उठाया, और सरकार के सामने कई सवाल भी रखे. अब देखना महत्वपूर्ण होगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब 3 जुलाई को राज्य सभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर बहस का जवाब देंगे तो वो इन मुद्दों और सवालों पर सरकार की तरफ से क्या रुख पेश करते हैं.