नीतीश कुमार पर कांग्रेस से लेकर AAP तक ने चलाए तीखे शब्दों के बाण, जानें किस नेता ने क्या कहा

द्रमुक नेता टी आर बालू ने कहा कि जदयू अध्यक्ष एवं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि सिर्फ हिंदी ही बोली जानी चाहिए और विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' में सौहार्द बनाए रखने के लिए ही उनकी पार्टी ने इसे बर्दाश्त किया.

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शरद पवार गुट वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने कहा कि नीतीश कुमार को राजनीतिक इतिहास में 'महान पलटू राम' के रूप में याद किया जाएगा.
नई दिल्ली:

कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और ‘इंडिया' गठबंधन की अन्य पार्टियों ने रविवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी गठबंधन से ‘‘विश्वासघात'' करने के लिए आलोचना की. कुछ विपक्षी दलों ने उन्हें बार-बार पाला बदलने के लिए ‘गिरगिट' और ‘पलटू राम'' तक करार दिया. नीतीश कुमार ने रविवार को राजद और कांग्रेस के ‘महागठबंधन' से नाता तोड़कर कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ मिलकर सरकार बना ली.

विपक्षी पार्टियों ने चेतावनी दी कि बिहार के लोग नीतीश कुमार और भाजपा को ‘‘करारा जवाब'' देंगे. नीतीश नीत पूर्ववर्ती सरकार में उप मुख्यमंत्री रहे एवं राजद नेता तेजस्वी यादव ने यहां तक ​​कहा कि जनता दल (यूनाइटेड) ‘‘लोकसभा चुनाव में समाप्त'' होने के लिए पूरी तरह तैयार है. भाजपा ने हालांकि कहा कि नीतीश कुमार के साथ उसका गठबंधन ‘‘स्वाभाविक'' था. पार्टी ने कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की ‘‘डबल इंजन सरकार'' से बिहार को फायदा होगा. पार्टी नेताओं ने यह भी दावा किया कि ‘इंडिया' गठबंधन बिखर जाएगा क्योंकि उसका ‘‘कोई वैचारिक आधार नहीं है.''

कांग्रेस, राजद, द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक),झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो), तृणमूल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) के नेताओं ने कुमार पर उस समय हमला बोला, जब उनके भाजपा से अलग होने और गठन के 18 महीने से भी कम समय बाद ‘इंडिया' गठबंधन को झटका दिया और बिहार की ‘महागठबंधन' सरकार से अलग हो गए. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने बिहार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने और ‘‘पाला बदलने'' के लिए नीतीश कुमार की आलोचना करते हुए उन्हें ‘‘विश्वासघात करने में माहिर'' करार दिया है. उन्होंने यह भी कहा कि विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस' (‘इंडिया') बनाने में अहम भूमिका निभाने वाला ही उसे ‘धोखा देकर' भाजपा-नीत राजग में शामिल हो रहा है.

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जद (यू) के अध्यक्ष नीतीश कुमार ने रविवार को बिहार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और कहा कि उन्हें ‘इंडिया' और ‘महागठबंधन' में ‘‘चीजें ठीक नहीं लग रही थीं'', इसलिए उन्होंने भाजपा के साथ नया गठबंधन और नयी सरकार बनाने का निर्णय लिया. रमेश ने टिप्पणी की कि राजनीतिक रंग बदलने की कुमार की प्रवृत्ति ‘गिरगिट' को भी मात देती है. उन्होंने कहा कि बिहार में राजनीतिक उथल-पुथल सोमवार को राज्य में प्रवेश करने वाली ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा' से ध्यान भटकाने की एक रणनीति है.

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रमेश ने उन दावों को खारिज कर दिया कि कुमार के बाहर निकलने से विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया' कमजोर हो जाएगा. उन्होंने कहा कि इससे गठबंधन केवल मजबूत होगा, जैसा कि तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने भी कहा है. उन्होंने कहा, ‘‘कुछ दिनों तक सुर्खियों में रहने के अलावा इसका कोई असर नहीं होगा. अगर भाजपा की सरकार बरकरार रहती है तो हमारे देश-भारत का भविष्य दांव पर है, लेकिन विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया' का भविष्य दांव पर नहीं है.''रमेश ने कहा कि ‘इंडिया' गठबंधन मजबूत है, और ‘‘हम एकजुट होकर भाजपा के खिलाफ लड़ेंगे और द्रमुक, राकांपा, तृणमूल कांग्रेस और समाजवादी पार्टी जैसी सभी पार्टियां मिलकर लड़ेंगी.''

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पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने ‘बार-बार पाला बदलने' के लिए नीतीश कुमार की आलोचना की है. तृणमूल कांग्रेस ने कहा कि लोग ऐसी ‘अवसरवादिता' का माकूल जवाब देंगे. तृणमूल कांग्रेस के सांसद सौगत रॉय ने कहा, ‘‘नीतीश कुमार नियमित अंतराल पर पाला बदलने के लिए जाने जाते हैं. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि उन्होंने विपक्षी ‘इंडिया' गठबंधन को छोड़ने का फैसला किया है और उनके राजग में शामिल होने की संभावना है. जनता ऐसी राजनीतिक अवसरवादिता का करारा जवाब देगी.''

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने पर नीतीश कुमार और दो उप मुख्यमंत्रियों को बधाई दी और कहा कि राजग की सरकार राज्य के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी. भाजपा प्रमुख जे पी नड्डा ने कहा कि कुमार के नेतृत्व वाली राजग सरकार 'उज्ज्वल बिहार' बनाएगी. उन्होंने कहा,‘‘ बिहार के लोगों ने पिछले विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार के साथ हमारे असली गठबंधन को जनादेश दिया था. जब भी हम एक साथ सत्ता में रहे हैं, बिहार को फायदा हुआ है, चाहे वह कानून और व्यवस्था के मामले में हो या आर्थिक विकास के मामले में. अब बिहार फिर से ऐसा करेगा.''

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे जैसे कई विपक्षी नेताओं ने कहा कि वे जानते थे कि कुमार पाला बदल सकते हैं. खरगे ने कहा कि वह महागठबंधन छोड़ने के कुमार के फैसले के बारे में पहले से जानते थे लेकिन उन्होंने ‘इंडिया' को बरकरार रखने के लिए कुछ नहीं कहा. खरगे ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर लिखा, ‘‘देश में 'आया राम-गया राम' जैसे कई लोग हैं. पहले वे और हम मिलकर लड़ रहे थे. जब मैंने लालू (प्रसाद) जी और तेजस्वी (यादव) जी से बात की तो उन्होंने भी कहा कि नीतीश जा रहे हैं.''

राजद नेता तेजस्वी ने नीतीश कुमार को ‘‘सम्मानित'' लेकिन ‘‘थका हुआ'' नेता बताया और भाजपा को चेतावनी दी कि कुमार को सहयोगियों के साथ ‘श्रेय' साझा करना पसंद नहीं है. यादव ने कहा, ‘‘ऐसा लगता है कि नीतीश कुमार को हमारी सरकार की कई उपलब्धियों का श्रेय मुझे मिलने से दिक्कत थी. यह भाजपा के लिए खतरे की घंटी होनी चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘नीतीश जी पाला बदलने के लिए चाहे जो भी बहाने बनाएं, लोकसभा चुनाव में उनकी जद (यू) खत्म होने वाली है.''

भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) (भाकपा-माले) ने कुमार पर ‘‘विश्वासघात'' का आरोप लगाते हुए तीखा हमला किया. भाकपा-माले ने महागठबंधन सरकार को बाहर से समर्थन दिया था. सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर अपने पोस्ट में कहा, “भाजपा अपने जीवनकाल में इतनी कमजोर कभी नहीं थी, जितनी आज हो गयी.” यादव ने कहा “आज विश्वासघात का नया कीर्तिमान बना है. जनता इसका करारा जवाब देगी. कोई आप पर विश्वास न करे, एक व्यक्ति के रूप में किसी की इससे बड़ी हार और कुछ नहीं हो सकती.”

शरद पवार गुट वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने कहा कि नीतीश कुमार को राजनीतिक इतिहास में 'महान पलटू राम' के रूप में याद किया जाएगा, जो भाजपा के इशारे पर उछल-कूद मचाना पसंद करते हैं. झामुमो के महासचिव और प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने ‘पीटीआई-भाषा' से कहा, ‘‘नीतीश कुमार का इस्तीफा अपेक्षित था, क्योंकि विश्वासघात उनका राजनीतिक चरित्र रहा है.''

द्रमुक ने कहा कि कुमार का ‘इंडिया' गठबंधन से बाहर जाना भाजपा के लिए 'नुकसान' और विपक्षी गठबंधन के लिए 'लाभदायक' है क्योंकि लोग विश्वासघात के इस कृत्य को कभी स्वीकार नहीं करेंगे.वहीं दूसरी ओर जद (यू) ने बिहार में विपक्षी ‘इंडिया' गठबंधन के टूटने के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि इसके नेता अपनी पार्टी को मजबूत करने में लगे थे, विपक्षी गठबंधन को नहीं.

जदयू के प्रवक्ता के. सी. त्यागी ने संवाददाताओं से कहा कि कांग्रेस के भीतर का एक ‘‘गुट'' ‘इंडिया' गठबंधन का नेतृत्व हथियाना चाहता था और साजिश के तहत नेता मल्लिकार्जुन खरगे का नाम गठबंधन के अध्यक्ष के तौर पर प्रस्तावित किया गया. जदयू के एक अन्य प्रवक्ता राजीव रंजन ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने ऐसे व्यक्ति को प्रधानमंत्री बनाने की कोशिश में खुद को डुबो दिया जिसमें कोई योग्यता नहीं है और विपक्षी गठबंधन को नुकसान पहुंचाता है. माना जा रहा है कि उनका निशाना राहुल गांधी पर था.

राजीव रंजन ने कांग्रेस को ‘‘भस्मासुर'' (पौराणिक मान्यताओं के अनुसार ऐसा राक्षस जो जिसे भी छूता था, वह भस्म हो जाता था) करार दिया.

असम के मुख्यमंत्री हिमंता विश्व शर्मा ने बिहार में जद (यू) के महागठबंधन से नाता तोड़ने और राज्य में भाजपा के नेतृत्व वाले राजग में शामिल होने के राजनीतिक घटनाक्रम के बाद कहा कि ‘इंडिया' गठबंधन का ‘‘विघटन'' निश्चित है, क्योंकि इसका ‘‘कोई वैचारिक आधार नहीं है.'' शर्मा ने कहा कि विपक्षी गठबंधन का ‘‘केवल एक उद्देश्य'' प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को हराना है. उन्होंने कहा, ‘‘इस नकारात्मक राजनीति के बावजूद, प्रधानमंत्री मोदी आज विश्व नेता बन गए हैं.''

नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव और प्रधानमंत्री मोदी पर राज्य के लोगों को 'धोखा' देने का आरोप लगाते हुए ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने रविवार को कहा कि इन्हें लोगों से माफी मांगनी चाहिए. एआईएमआईएम प्रमुख ने कहा कि नीतीश अक्सर कहा करते हैं कि ओवैसी भाजपा की ‘बी-टीम' हैं लेकिन अब जद (यू) प्रमुख ने 'बेशर्मी' से उस पार्टी से हाथ मिला लिया है.

द्रमुक नेता टी आर बालू ने कहा कि जदयू अध्यक्ष एवं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि सिर्फ हिंदी ही बोली जानी चाहिए और विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' में सौहार्द बनाए रखने के लिए ही उनकी पार्टी ने इसे बर्दाश्त किया. ‘आप' के राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा ने कहा कि जिस तरह से विधायकों को खरीदा गया और पैसे और एजेंसियों की धमकी का इस्तेमाल कर सरकारें गिराई गईं, वह खतरनाक है. उन्होंने ‘एक्स'पर पोस्ट किया, ‘‘मैंने दल-बदल विरोधी कानून को मजबूत करने के लिए संसद में एक निजी विधेयक पेश किया था. आज लोकतंत्र को बचाने के लिए यह विधेयक बहुत जरूरी है.''
 

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