जाति का पता चला, तो बदला दोस्तों का व्यवहार, IIT छात्र ने बहन से बयां किया था दर्द : पुलिस

सोलंकी की मां ने पुलिस को दिए अपने बयान में कहा कि दिसंबर 2022 में टेलीफोन पर बातचीत के दौरान सोलंकी ने अपनी बहन को बताया कि संस्थान में जाति आधारित भेदभाव होता है.

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आत्महत्या करने वाले आईआईटीबी छात्र सोलंकी ने मां को जातिगत भेदभाव की जानकारी दी थी
मुंबई:

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मुंबई (आईआईटीबी) के छात्र दर्शन सोलंकी ने अपनी मां से कहा था कि संस्थान के परिसर में जाति आधारित भेदभाव होता है. सोलंकी ने कथित तौर पर खुदकुशी कर ली थी. यह बात पुलिस द्वारा इस मामले में दायर आरोपपत्र में कही गई है. आरोपपत्र में कहा गया है कि सोलंकी ने अपनी मां से टेलीफोन पर बातचीत के दौरान यह भी कहा कि जब उसकी जाति के बारे में पता चला, तो साथी छात्रों का व्यवहार बदल गया.

सोलंकी की मां का बयान अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार रोकथाम) अधिनियम के तहत एक विशेष अदालत के समक्ष मंगलवार को शहर की पुलिस द्वारा दायर आरोपपत्र का हिस्सा है. आरोपपत्र में साथी छात्र अरमान खत्री का नाम है, जो कथित रूप से आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में गिरफ्तार होने के बाद जमानत पर है.

अहमदाबाद के रहने वाले बी-टेक (केमिकल) पाठ्यक्रम के प्रथम वर्ष के छात्र सोलंकी ने सेमेस्टर परीक्षा समाप्त होने के एक दिन बाद 12 फरवरी, 2023 को उपनगरीय पवई में आईआईटीबी परिसर में एक छात्रावास की इमारत की सातवीं मंजिल से कथित तौर पर कूदकर जान दे दी थी. पुलिस ने दावा किया कि धर्म के बारे में 'अपमानजनक' बात करने के बाद खत्री ने कथित तौर पर दर्शन सोलंकी को जान से मारने की धमकी दी थी.

सोलंकी की मां ने पुलिस को दिए अपने बयान में कहा कि दिसंबर 2022 में टेलीफोन पर बातचीत के दौरान सोलंकी ने अपनी बहन को बताया कि संस्थान में जाति आधारित भेदभाव होता है. सोलंकी की मां ने बयान में कहा कि जब उसके दोस्तों को उसकी जाति के बारे में पता चला, तो उनके व्यवहार में बदलाव आ गया. चार्जशीट में कहा गया है कि जनवरी 2023 में मकर संक्रांति की छुट्टी के दौरान सोलंकी ने फिर से अपनी बहन से इस बारे में बात की.

सोलंकी की मां ने पुलिस को बताया कि 12 फरवरी को उसने दोपहर करीब 12 बजकर 20 मिनट पर फोन पर बात की और कहा कि वह 14 फरवरी को घर आएगा और उन्हें अपने सभी रिश्तेदारों को मिलने के लिए बुलाना चाहिए. उन्होंने बयान में कहा कि दो घंटे बाद ही सोलंकी के पिता को फोन आया कि उनका बेटा नहीं रहा. 

सोलंकी की बहन और चाची ने भी अपने बयानों में दावा किया कि दर्शन को भेदभाव का सामना करना पड़ा और जब अन्य छात्रों को उनकी जाति के बारे में पता चला, तो उनके व्यवहार में बदलाव देखा. उसने बताया कि वह मन लगाकर पढ़ाई कर रहा है, लेकिन साथ ही यह भी उल्लेख किया कि कुछ छात्र और दोस्त हमेशा उसे बताते थे कि वह मुफ्त शिक्षा प्राप्त कर रहा है और उसे ताना मारता था. चार्जशीट में कुछ छात्रों और प्रोफेसरों सहित 55 गवाहों के बयान शामिल थे.

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