मिजोरम में तीन महीने के अंतराल के बाद फिर से ‘अफ्रीकी स्वाइन फीवर' (एएसएफ) के नए मामले सामने आए हैं. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. एएसएफ के प्रकोप के कारण पिछले साल 33,000 से अधिक सूअर मारे गए थे. पशुपालन एवं पशु चिकित्सा विभाग के संयुक्त निदेशक (पशुधन स्वास्थ्य) डॉ. लालमिंगथंगा ने ‘पीटीआई-भाषा' को बताया कि कुछ गांवों में हाल ही में सुअरों की मौत एएसएफ से हुई है. हालांकि, एएसएफ के नए मामलों के कारण मरने वाले सूअरों की संख्या की आधिकारिक घोषणा बुधवार को राज्य की मुख्य सचिव रेणु शर्मा के साथ बैठक के बाद की जाएगी।
इस बीच, एक आधिकारिक बयान में पूर्वी मिजोरम के चम्फाई शहर में हाल ही में कुछ सूअरों की मौत का कारण ‘‘एएसएफ'' बताया गया है. बयान में कहा गया कि ‘चम्फाई इलेक्ट्रिक वेंग', जहां एक सूअर की मौत की सूचना मिली थी, उसे 21 मार्च से अगले आदेश तक एक निरुद्ध क्षेत्र घोषित कर दिया गया है. मिजोरम-मणिपुर सीमा पर सकावरदाई गांव में भी एएसएफ के कारण सूअर की मौत की सूचना मिली है. ग्राम परिषद के अध्यक्ष संगठनखुमा ने ‘पीटीआई-भाषा' को बताया कि इस साल फरवरी से अब तक 100 से अधिक सूअरों की मौत हो चुकी है.
पशुपालन एवं पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारियों ने मौत का कारण ‘‘एएसएफ'' बताया है. मिजोरम में पिछले साल दिसंबर से एएसएफ के कारण सूअरों की मौत के मामले आने बंद हो गए थे. राज्य के पशुपालन एवं पशु चिकित्सा मंत्री डॉ. के. बिछुआ ने हाल ही में संपन्न बजट सत्र के दौरान विधानसभा को बताया था कि पिछले साल एएसएफ के प्रकोप के कारण 33,417 सूअरों की मौत हुई थी, जिससे 60.82 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. मंत्री ने बताया था कि एएसएफ को फैलने से रोकने के लिए 10,910 सूअरों को मारा भी गया था। उनके मुताबिक, पिछले साल दिसंबर के बाद से एएसएफ की वजह से किसी सूअर की मौत की सूचना नहीं मिली थी.
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