फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों ने गुलाबी नगरी की ऐतिहासिक इमारतें निहारीं

जयपुर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ रोड शो करते समय मैक्रों सड़क के दोनों ओर खड़ी लोगों की भीड़ से खुश नज़र आए

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जयपुर में पीएम मोदी के साथ फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों.
जयपुर:

फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों ने गुरुवार को गुलाबी नगरी के नाम से विख्यात जयपुर की कई ऐतिहासिक इमारतों को देखने पहुंचे और राजस्थानी आवभगत का आनंद लिया. बाद में परकोटे की सड़कों पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ रोड शो करते समय मैक्रों सड़क के दोनों ओर खड़ी लोगों की भीड़ से खुश नज़र आए.पर्यटन क्षेत्र से जुड़े लोगों का मानना है कि मैक्रों के इस दौरे तथा रोड शो से इस शहर में पर्यटन उद्योग को और बढ़ावा मिलेगा.

मैक्रों 26 जनवरी को दिल्ली में आयोजित होने वाले गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि हैं. वह अपने भारत दौरे के लिए सीधे जयपुर पहुंचे. वहां से वह पहाड़ी पर स्थित ऐतिहासिक आमेर किले पहुंचे और शहर में अपनी यात्रा की शुरुआत की.

आमेर किला एक महल परिसर है जिसे हल्के पीले और गुलाबी बलुआ पत्थर और सफेद संगमरमर से बनाया गया है. आमेर किले में कई खंड हैं जिनमें राजा का आवास, ज़नाना (महिला) आवास, उद्यान व मंदिर आदि शामिल हैं. उन्होंने आमेर के शीश महल और दीवान-ए-आम का दौरा किया.

16वीं सदी का आमेर किला जयपुर के मुख्य शहर से 11 किलोमीटर दूर स्थित है. यहां भूमिगत सुरंगें है जो आमेर को जयगढ़ किले से जोड़ती हैं. किले में मैक्रों ने राजस्थानी आवगत का आनंद भी लिया. उनका ढोल नगाड़ों के साथ स्वागत किया गया. राष्ट्रपति ने ‘कच्छी घोड़ी' नृत्य भी देखा.

आमेर किले से मैक्रों जंतर मंतर पहुंचे जहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उनका स्वागत किया. प्रधानमंत्री मोदी हवाई अड्डे से सीधे जंतर मंतर पहुंचे थे. दोनों नेताओं ने इस ऐतिहासिक स्थल का अवलोकन किया.

जयपुर में स्थित जंतर मंतर महाराजा सवाई जयसिंह द्वितीय द्वारा बनवाई गई पांच खगोलीय वेधशालाओं में सबसे विशाल है. यूनेस्को द्वारा इसे विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया है. इसमें बनाए गए जटिल यंत्र, समय को मापने, सूर्य की गति व कक्षाओं का निरीक्षण तथा आकाशीय पिंडों के सम्बन्ध में विस्तारपूर्वक जानकारी देते हैं.

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यहां से दोनों नेता रोड शो करके बड़ी चौपड़ पर स्थित प्रसिद्ध हवा महल पहुंचे. उन्होंने हवामहल की खूबसूरती को बाहर से निहारा. बाहर की तरफ से भगवान कृष्ण के मुकुट जैसा दिखाई देने वाला यह महल अनूठा है.

साल 1799 ईसवी में महाराजा सवाई प्रताप सिंह द्वारा बनवाया गया हवा महल पांच मंजिला है तथा आधिकारिक जानकारी के अनुसार इसका डिजाइन वास्तुकार लालचंद उस्ताद द्वारा तैयार किया गया था. गुलाबी शहर का प्रतीक माने जाने वाला हवा महल, बलुआ पत्थर से राजस्थानी वास्तुकला और मुगल शैली का मिश्रण है.

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जंतर मंतर और हवा महल जयपुर के परकोटे वाले पुराने या मूल शहर में स्थित है. मोदी और मैक्रों ने जंतर-मंतर से हवा महल और हवा महल से सांगानेरी गेट तक रोड शो किया. बाद में दोनों नेता द्विपक्षीय बैठक के लिए होटल रामबाग पैलेस पहुंचे. यह महल पहले शाही अतिथि गृह था.

वर्ष 1835 में निर्मित रामबाग पैलेस अब एक होटल है जिसने लॉर्ड लुईस माउंटबेटन, राजकुमार चार्ल्स और जैकलीन कैनेडी जैसे मेहमानों की मेजबानी की है. यह शहर के मध्य में रामबाग सर्कल पर स्थित है.

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दूसरी ओर, पर्यटन उद्योग से जुड़े लोगों ने कहा कि अमेरिका के बाद, राज्य में फ्रांसीसी पर्यटकों की संख्या अधिक रहती है.

टूर ऑपरेटर संजय कौशिक ने कहा, 'प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति मैक्रों की यात्रा से निश्चित रूप से जयपुर के पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिलेगा. फ्रांसीसी पर्यटक राजस्थान की वास्तुकला, संस्कृति, भोजन और रंगों की प्रशंसा करते हैं और कई फ्रांसीसी कलाकार, संगीतकार और डिजाइनर हैं जिन्होंने राजस्थानी कलाकारों के साथ सहयोग किया है.'

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उन्होंने दावा किया कि जयपुर फ्रांसीसी पर्यटकों के लिए सबसे पसंदीदा स्थलों में से एक है और अब इसकी लोकप्रियता बढ़ने की उम्मीद है.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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