तेलंगाना में अपनी चुनावी गारंटी पर त्वरित कार्रवाई करते हुए राज्य की नई कांग्रेस सरकार ने महिलाओं के लिए मुफ्त बस सेवा शुरू की है. हालांकि, राज्य की आर्थिक स्थिति को देखते हुए नई सरकार के लिए अपने सभी चुनाव पूर्व वादों को पूरा करना एक बड़ी वित्तीय चुनौती होगी. कॉलेज की छात्रा सारा और उसकी सहेलियां अब रोमांचित हैं कि राज्य में महिलाओं के लिए बस यात्रा मुफ़्त है.
सारा ने कहा, "यह न केवल युवा छात्रों और पेशेवरों के लिए बल्कि वृद्ध महिलाओं के लिए भी बहुत रोमांचकारी और उपयोगी है." कॉलेज की छात्रा पूजा यादव ने कहा, "यह वास्तव में मध्यमवर्गीय परिवारों की युवा लड़कियों को पैसे की चिंता किए बिना यात्रा करने में मदद करेगा, चाहे वह कॉलेज जाना हो या नौकरी ढूंढना हो."
मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के दो दिनों के भीतर, रेवंत रेड्डी ने कांग्रेस की दो गारंटी लागू की है. महिलाओं के लिए मुफ्त बस यात्रा और स्वास्थ्य बीमा सीमा को बढ़ाकर ₹ 10 लाख करना. यह लॉन्च सोनिया गांधी के जन्मदिन पर किया गया. रेड्डी ने कहा कि जिस तरह से सोनिया गांधी ने तेलंगाना राज्य के गठन की अपनी गारंटी को पूरा किया, कांग्रेस सरकार 100 दिनों के भीतर छह चुनावी 'गारंटियों' को लागू करके तेलंगाना को लोगों के कल्याण और विकास के लिए जाना जाने वाला राज्य बनाने का प्रयास करेगी. उन्होंने 9 दिसंबर को तेलंगाना के लिए उत्सव का दिन बताया क्योंकि 9 दिसंबर 2009 को तत्कालीन यूपीए सरकार ने तेलंगाना के गठन की घोषणा की थी. उन्होंने कहा, वह सोनिया गांधी ही थीं जिन्होंने जन आकांक्षाओं के अनुरूप तेलंगाना राज्य को मां की तरह साकार किया.
एनडीटीवी से बात करते हुए, तेलंगाना के परिवहन मंत्री पोन्नम प्रभाकर ने कहा, "हम बहुत खुश हैं कि हम दो दिनों में दो वादे पूरे कर सके...परिवहन मंत्री के रूप में, मैं रोमांचित हूं कि महिलाएं अब मुफ्त में बस यात्रा कर सकती हैं." सरकारी बसों में मुफ्त यात्रा से तेलंगाना सरकार को प्रति दिन ₹ 6 करोड़ और प्रति वर्ष लगभग ₹ 2,500 करोड़ का खर्च आएगा. सरकार अन्य चुनाव पूर्व गारंटी को लागू करने के वित्तीय बोझ का आकलन करने की कोशिश कर रही है.
तेलंगाना के वरिष्ठ मंत्री उत्तम कुमार रेड्डी ने "खजाना खाली" छोड़ने के लिए पिछली बीआरएस सरकार पर हमला बोला. उन्होंने कहा, "हमें एहसास हो रहा है कि बीआरएस सरकार झूठ बोल रही है. उन्होंने खजाना खाली छोड़ दिया है, लेकिन हम 100 दिनों के भीतर अपनी गारंटी पूरी करने के लिए प्रतिबद्ध हैं." कांग्रेस सरकार इस पर एक श्वेत पत्र जारी करने का इरादा रखती है कि 2014 और 2023 के बीच राज्य कैसे सरप्लस फंड से बड़े पैमाने पर कर्ज में चला गया.