पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी मामले ने देश की सियासत में भूचाल ला दिया है. बीजेपी प्रवक्ता नुपुर शर्मा की इस टिप्पणी पर खाड़ी के देशों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. पूरे मामले को लेकर बीजेपी 'डिफेंसिव' मोड में है. मामले के तूल पकड़ने के बाद बीजेपी ने दोनों नेताओं पर कार्रवाई की है. जहां एक टीवी डिबेट के दौरान कमेंट करने वाली नुपुर शर्मा को सस्पेंड कर दिया गया है, वहीं नवीन कुमार जिंदल को पार्टी ने निष्कासित किया गया है. पूर्व उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी ने (Hamid Ansari) इस विवाद पर एनडीटीवी के समक्ष खुलकर अपनी बात रखी. अंसारी ने कहा, "ऐसी घटना नहीं होनी चाहिए थी. इस तरह से धार्मिक मामले में गालीगलौज पर उतर आना गलत है,अगर हुआ है ठीक करने में समय लगेगा और इसके तरीके हैं."
क्या खाड़ी देशों की ओर से इतनी तीखी प्रतिक्रिया जल्दबाजी में की गई, इसके जवाब में उन्होंने कहा, "इनकी प्रतिक्रिया जेनिइन थी और होनी भी चाहिए. बात केवल खाड़ी देशों की नहीं है. बात इंडोनेशिया से शुरू होती है और नार्थ अफ्रीका तक जाती है. ऐसी बात कही गई कि हर वह आदमी जो एक धर्म को फॉलो करता है उसे इससे ठेस पहुंची है." एक अन्य सवाल के जवाब में कहा कि इससे (ऐसे विवाद से)निश्चित रूप से दरारें बढ़ेंगी. ऐसे विवाद होते हैं और उसको ठीक करने का तरीका भी सरकार जानती है. अगर वो तरीका ठीक से अपनाया जाए तो मामला ठीक हो सकता है. उन देशों की सरकारों की जानकारी में यह बात हुई है. इसका मतलब उस देश के रूलर्स हैं, उन्होंने इसे अप्रूव किया है. बात एक ही लेवल पर होनी चाहिए. राजनीतिक लेवल पर बात होनी चाहिए. अफसरों के लेवल पर बात करने से फायदा नहीं होता है. अंसारी ने कहा, " बात आगे बढ़नी भी नहीं चाहिए इसको खत्म करना चाहिए. खत्म करने का एक ही तरीका है. आप कह दीजिए कि ये हमारी नीति नहीं है. कुछ लोगों ने ऐसी बात की है.हम नीति ठीक करेंगे. ये ऐसी बात नहीं है कि अचानक हो गई और जिसने किया वो देश की नीति नहीं जानता.''
पूर्व उप राष्ट्रपति ने कहा, "जो हुआ है बुरा हुआ है. हमको समझना चाहिए कि इस स्केल पर क्यों हुआ है? इस्लाम को मानने वाले इस देश में बहुत लोग है. इंडोनेशिया के बाद हमारे देश का तीसरा नंबर है. हमारे लिए इस्लाम कोई अजूबा नहीं है ये धर्म यहां हजारों सालों से है. हम मिल-जुलकररहे हैं, अचानक जो हुआ है ये क्यों हुआ? क्योंकि किसी एक पार्टी की तरफ से और आाइडियोलॉजी की तरफ से ये कहा जा रहा है कि इस्लाम खराब है, इसे मानने वाले भारतीय नहीं है तो सब बातें गलत हैं. हम नागरिक हैं हम आपस में भाई हैं. ऐसा तो किसी दुशमन के साथ भी नहीं करते. हमें किसी के धर्म को ख़राब नहीं कहना चाहिए." टिप्पणी करने वालों को अराजक तत्व (फ्रिंज एलिमेंट) बताए जाने संबंधी सवाल पर उन्होंने कहा, " ये फ्रिंज एलिमेंट नहीं है. ये पार्टी की आइडियोलॉजी है. ये आज से नहीं कई सालों से चल रही है. 2009 का जो इलेक्शन मेनिफेस्टो है वो पढ़ लीजिए, 2014 मेनिफेस्टो को पढ़ लीजिए उसमें भी यहीं बाते हैं. एक संविधान है वो हमारा धर्म है. इसके आगे जो धर्म को मानते हैं वो प्राइवेट बात है. सरकारी धर्म हमारा संविधान है. ये एक्सीडेंटल बात नहीं है उस पार्टी ने ये आइडियोलॉजी बनाई हुई है और उसका ये ही नतीजा है. जिसने जो कहा वो अनपढ़ नहीं है." अंसारी ने कहा, " मुझे उम्मीद थी क्योकि जब पालिटिकल लेवल पर बात बिगड़ती है तो उसको ठीक करने का काम भी पॉलिटिकल लेवल पर होता है. ये चीज़ पीएम, पार्टी चीफ, विदेश मंत्री, तीनों में से किसी ने नहीं किया सवाल ये पैदा होता है कि क्यों नहीं किया गया?"
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