पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चन्नी सतर्कता ब्यूरो के समक्ष पेश हुए, सात घंटे तक पूछताछ

पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी आय के ज्ञात स्रोत से अधिक संपत्ति के एक मामले में शुक्रवार को सतर्कता ब्यूरो के समक्ष पेश हुए. इस दौरान, अधिकारियों ने चन्नी से सात घंटे तक पूछताछ की.

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पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी आय के ज्ञात स्रोत से अधिक संपत्ति के एक मामले में शुक्रवार को सतर्कता ब्यूरो के समक्ष पेश हुए. इस दौरान, अधिकारियों ने चन्नी से सात घंटे तक पूछताछ की. चन्नी ने मामले में उनके खिलाफ जारी जांच को ‘पूरी तरह से राजनीतिक' करार दिया.

ब्यूरो चन्नी के खिलाफ आय के ज्ञात स्रोत से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोपों की जांच कर रहा है. पिछले महीने ब्यूरो ने पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ ‘लुकआउट सर्कुलर' जारी किया था. शाम को सतर्कता ब्यूरो के मोहाली कार्यालय से बाहर निकलते हुए, चन्नी ने फिर से आम आदमी पार्टी (आप) सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि ‘‘यह सरकार मुगलों से भी बदतर व्यवहार कर रही है. वे तमाम तरीके से अपमानित और बदनाम करना चाहते हैं.''

चन्नी ने कहा, ‘‘लोकतंत्र में, यह तरीका नहीं है...कि वे बिना किसी आधार के मामला बनाने की कोशिश करते हैं. मैंने सुबह में संवाददाता सम्मेलन में जो बात कही थी, उस पर कायम हूं. उन्हें जो करना है, वे कर सकते हैं.'' पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मैंने हमेशा ईमानदारी से काम किया है और आगे भी करता रहूंगा.''

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पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि उनकी सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान शुरू किया है और अगर चन्नी के पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है तो उन्हें सतर्कता जांच का सामना करने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए. कांग्रेस नेता चन्नी पूर्वाह्न करीब 11 बजे ब्यूरो के मोहाली कार्यालय में जाने से पूर्व अपनी पेशी निर्धारित तारीख से पहले किए जाने को लेकर राज्य सरकार की निंदा की और दावा किया कि मुख्यमंत्री भगवंत मान की सरकार ‘बदले की राजनीति' कर रही है.

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सतर्कता ब्यूरो ने पहले चन्नी को पूछताछ के लिए 12 अप्रैल को पेश होने को कहा था, लेकिन उन्होंने किसी और तारीख पर बुलाए जाने का अनुरोध किया था, जिसे ब्यूरो ने स्वीकार कर लिया और उन्हें 20 अप्रैल को उसके मोहाली कार्यालय में पेश होने को कहा था. बाद में ब्यूरो ने उन्हें 14 अप्रैल को बुलाने का फैसला किया. ब्यूरो के कार्यालय में प्रवेश करने से पहले चन्नी ने आय के ज्ञात स्रोतों से ज्यादा संपत्ति अर्जित करने के आरोपों को खारिज किया और कहा, ‘‘जांच पूरी तरह से राजनीतिक है. वे जो करना चाहते हैं, उन्हें करने दीजिए.''

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ब्यूरो के कार्यालय में जाने से पूर्व उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में आप नीत सरकार पर हमला करते हुए कहा, ‘‘वे मुझे गिरफ्तार कर सकते हैं, मुझे प्रताड़ित कर सकते हैं. वे मुझे जान से भी मार सकते हैं, लेकिन मैं तैयार हूं.'' पूर्व मुख्यमंत्री ने नम आंखों से कहा, ‘‘अगर एक भी व्यक्ति कहे कि चन्नी किसी भ्रष्टाचार में लिप्त है, तो मुझे फांसी पर लटका दीजिए.''

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सूत्रों ने कहा कि सतर्कता ब्यूरो के अधिकारियों द्वारा पूछताछ के दौरान, चन्नी और उसके परिवार की संपत्तियों, बैंक खातों के विवरण, विदेश में किए गए किसी भी निवेश के बारे में विवरण मांगा गया था, खासकर जब वह चुनाव के बाद पिछले साल अमेरिका और कनाडा की लंबी यात्रा पर थे.

सूत्रों ने कहा कि इसके अलावा, उनसे उनके भतीजे भूपिंदर हनी की गतिविधियों के बारे में भी पूछताछ की गई. भ्रष्टाचार में कथित संलिप्तता को लेकर पंजाब के कुछ कांग्रेस नेता पहले से ही सतर्कता जांच का सामना कर रहे हैं.

चन्नी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि जालंधर में लोकसभा उपचुनाव से पहले उन्होंने कुछ मुद्दे उठाए हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि ‘आप' सरकार उनके द्वारा उठाए गए मुद्दों से घबरा गई है, जिसमें दलितों से संबंधित मुद्दे, ‘अकाल तख्त जत्थेदार के बारे में मुख्यमंत्री ने क्या कहा', बेअदबी के मामलों में न्याय और किसानों के मुद्दों से जुड़े सवाल शामिल हैं.

पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया, ‘‘और जब कोई सच बोलता है, तो जो झूठा होता है, उसे चुभता है. ‘आप' सरकार के साथ यही हुआ है.'' संवाददाता सम्मेलन में, पूर्व मुख्यमंत्री चन्नी के साथ कांग्रेस की पंजाब इकाई के प्रमुख अमरिंदर सिंह राजा वडिंग, हरीश चौधरी और प्रताप सिंह बाजवा सहित पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद थे.

चन्नी ने उनका साथ देने के लिए कांग्रेस नेतृत्व के प्रति आभार जताया. उन्होंने कहा कि वह सतर्कता ब्यूरो कार्यालय अकेले जाएंगे और उन्हें गिरफ्तारी का कोई डर नहीं है. चन्नी ने पेशी की तारीख बदलने पर भी आप सरकार की आलोचना की और आरोप लगाया कि यह सरकार की 'बदले की राजनीति' का हिस्सा है.

कांग्रेस नेता ने कहा, 'उन लोगों ने मुझे सार्वजनिक अवकाश के दिन बुलाया जब कार्यालय बंद थे. चन्नी को प्रताड़ित करने के लिए, कार्यालय खास तौर पर खोले गए और दिन भी उन्होंने ऐसा चुना जब बैसाखी और बीआर आंबेडकर की जयंती का दिन है.'

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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