एक विशेष अदालत ने ‘एंटीलिया' के पास बम बरामदगी और व्यवसायी मनसुख हिरन की हत्या मामले में आरोपी पूर्व पुलिसकर्मी सचिन वाजे को जमानत देने से इनकार करते हुए अपने आदेश में कहा कि वह अंबानी परिवार के मन में दहशत पैदा करना चाहता था. अदालत ने कहा कि अंबानी के आवास ‘एंटीलिया' के पास लगाई गई जिलेटिन की छड़ें किसी डेटोनेटर से नहीं जुड़ी थीं, लेकिन यह लोगों के मन में दहशत पैदा करने के लिए पर्याप्त थी.
राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) के विशेष न्यायाधीश ए एम पाटिल ने 16 सितंबर को वाजे को जमानत देने से इनकार कर दिया. विस्तृत आदेश शुक्रवार को उपलब्ध हो पाया. गवाहों के बयानों का हवाला देते हुए अदालत ने कहा कि मामले में याचिकाकर्ता और सह-आरोपियों ने अंबानी परिवार के मन में दहशत पैदा करने की कोशिश की थी और साजिश रचकर मनसुख हिरन को खत्म कर दिया था.
अदालत ने कहा, ‘‘यह एक सुनियोजित हत्या थी. कानून के शिकंजे से बचने के लिए हर एहतियात बरती गई. भारतीय दंड संहिता की किसी धारा के तहत यह कोई साधारण आरोप नहीं है. ऐसी स्थिति में यदि याचिकाकर्ता को जमानत पर रिहा किया जाता है तो उसके द्वारा गवाहों को प्रभावित करने की पूरी संभावना है.''
अदालत ने कहा, ‘‘यह बिल्कुल स्पष्ट है कि भले ही जिलेटिन की छड़ें डेटोनेटर से जुड़ी नहीं थीं, लेकिन यह लोगों के मन में दहशत पैदा करने के लिए पर्याप्त थीं. यहां इस मामले में याचिकाकर्ता का प्रयास लोगों के एक विशेष वर्ग के मन में आतंक पैदा करना था और वह है अंबानी परिवार.''
अदालत ने कहा कि जब फरवरी 2021 में घटना हुई तो आरोपी अपराध खुफिया इकाई (सीआईयू) से जुड़ा था और उसे एक पुलिस अधिकारी के रूप में जिम्मेदारी सौंपी गई थी. अदालत ने कहा कि गवाहों के बयानों पर गौर करने पर पता चलता है कि हिरन के पास से एसयूवी को लाना, एक नोट और जिलेटिन की छड़ों के साथ ‘एंटीलिया' के पास उसे पार्क करना तथा हत्या करना वाजे के कर्तव्यों का हिस्सा नहीं था.
अदालत ने कहा कि अपनी याचिका में वाजे ने नहीं बताया कि ये गतिविधियां उसके कर्तव्य का हिस्सा कैसे थीं, लेकिन वह एक सरकारी कर्मचारी के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए पूर्व मंजूरी प्राप्त करने के पहलू का लाभ उठाना चाहता है. पुलिस विभाग में आंतरिक प्रतिद्वंद्विता के वाजे के तर्क पर, अदालत ने कहा कि उसकी जमानत याचिका में इस पर कुछ नहीं कहा गया कि ‘‘पुलिस विभाग में उसकी किसके साथ प्रतिद्वंद्विता थी और कैसे उसे झूठे मामले में फंसाया गया.''
मुकदमे में देरी के आधार पर अदालत ने कहा कि आरोपपत्र और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य बहुत बड़े थे और मामले में 10 आरोपी थे. एनआईए के मुताबिक, मुंबई अपराध शाखा में तत्कालीन सहायक पुलिस इंस्पेक्टर वाजे ने एक साजिश के तहत ‘एंटीलिया' के बाहर एक एसयूवी गाड़ी खड़ी की थी, जिसमें विस्फोटक सामग्री रखी थी. अंबानी के आवास के पास 25 फरवरी, 2021 को एक एसयूवी मिली थी. व्यवसायी हिरन ने कहा था कि वाहन उसके पास से चोरी हो गई थी. पांच मार्च, 2021 को पड़ोसी ठाणे में हिरन का शव मिला था.