खालिस्तानी समर्थकों को शरण देने के लिए कनाडा (Canada) के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो सरकार पर निशाना साधते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने गुरुवार को कहा कि दोनों देशों के बीच संबंधों में और गिरावट से कनाडा को बड़ा नुकसान होगा. महाराष्ट्र के नासिक में आयोजित 'विश्वबंधु भारत' कार्यक्रम में अपने संबोधन में विदेश मंत्री ने कहा,"अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता हिंसा की वकालत करने की स्वतंत्रता नहीं हो सकती, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता किसी देश में अलगाववाद और आतंकवाद का समर्थन करने की स्वतंत्रता नहीं हो सकती. खालिस्तानियों का एक समूह वर्षों से कनाडा के स्वतंत्रता कानूनों का दुरुपयोग कर रहा है. लेकिन कनाडाई सरकार वोट बैंक के चलते इनके खिलाफ कोई कदम नहीं उठा रही.''
उन्होंने कहा कि कि खालिस्तान समर्थक तत्व लगातार भारत विरोधी गतिविधियों में लिप्त हैं. कई मौकों पर कनाडा सरकार से कहा गया है कि कानून के शासन का सम्मान करने वाले लोकतांत्रिक देशों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर कट्टरपंथी तत्वों को छूट नहीं देना चाहिए.
विदेश मंत्री ने कहा," इन लोगों की गतिविधियों के कारण आज दोनों देशों के संबंध खराब हो गए हैं. वे हमारे राजदूत और कनाडा में तैनात राजनयिकों को भी धमकी दे रहे हैं. भारत के खिलाफ आतंकी गतिविधियों का समर्थन करने वाले लोगों को कनाडा में शरण दी गई है, वहां की सरकार को स्थिति पर फिर से विचार करना चाहिए."
इस माह के शुरू में, भारत ने कनाडा के माल्टन में आयोजित 'नगर कीर्तन' के दौरान खालिस्तान समर्थक तत्वों द्वारा भारत विरोधी नारे लगाने और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक पोस्टर प्रदर्शित करने पर कड़ी प्रतिक्रिया जताई थी.
ट्रूडो सरकार से आपराधिक और अलगाववादी तत्वों को देश में आश्रय प्रदान करना बंद करने का आग्रह करते हुए, विदेश मंत्री ने कहा कि किसी भी सभ्य समाज में हिंसा का महिमामंडन नहीं होना चाहिए.
उन्हाेंने कहा कि हमने कई बार कनाडा सरकार के समक्ष अपनी चिंता जता दी है. दोनों देशाें के बीच संबंधों में गिरावट से कनाडा को बड़ा नुकसान होगा. कनाडा में शरण पाए अलगाववादी अंतत: कनाडा को भी नुकसान पहुंचाएंगे. इसे वहां की सरकार को समझना होगा.''