सैन्य इतिहास में पहली बार : स्कूल के सहपाठी दो दोस्त एक साथ भारतीय सेना और नौसेना के प्रमुख बनेंगे

लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी और एडमिरल दिनेश त्रिपाठी की नियुक्तियां भी लगभग एक ही समय में हुई हैं.

Advertisement
Read Time: 2 mins
लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी और एडमिरल दिनेश त्रिपाठी मध्यप्रदेश के रीवा सैनिक स्कूल में साथ में पढ़े हैं.
नई दिल्ली:

भारतीय सैन्य इतिहास में पहली बार दो सहपाठी लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी (Lieutenant General Upendra Dwivedi) और एडमिरल दिनेश त्रिपाठी (Admiral Dinesh Tripathi) भारतीय सेना और नौसेना के सर्विस चीफ होंगे. 

नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश त्रिपाठी और सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने मध्यप्रदेश में रीवा के सैनिक स्कूल में पढ़ाई की है. वे 1970 के दशक की शुरुआत में कक्षा 5वीं से एक साथ इस स्कूल में पढ़े थे. दोनों अधिकारियों के रोल नंबर भी एक-दूसरे के आसपास ही थे. लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी का रोल नंबर 931 था और एडमिरल त्रिपाठी का 938 था.

स्कूल के शुरुआती दिनों से ही उनके बीच गहरी दोस्ती थी और भले ही वे अलग-अलग बलों में थे, लेकिन वे आपस में संपर्क में हमेशा बने रहे.

दोनों अधिकारियों को जानने वाले एक रक्षा अधिकारी ने कहा कि सेना में वरिष्ठ नेतृत्व के बीच मजबूत दोस्ती बलों के बीच कामकाजी संबंधों को मजबूत करने में बहुत मायने रखती है.

रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ए भारत भूषण बाबू ने एक्स पर पोस्ट में कहा- "दो प्रतिभाशाली छात्रों, जो 50 साल बाद अपनी-अपनी सेनाओं का नेतृत्व करेंगे, को प्रशिक्षित करने का दुर्लभ सम्मान मध्य प्रदेश के रीवा में स्थित सैनिक स्कूल को जाता है."

Advertisement

दोनों सहपाठियों की नियुक्तियां भी लगभग एक ही समय में हुई हैं, सिर्फ दो महीने के अंतराल पर. एडमिरल त्रिपाठी ने एक मई को भारतीय नौसेना की कमान संभाली, जबकि लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी कल अपना नया पदभार संभालेंगे.

लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी का उत्तरी सेना कमांडर के रूप में लंबा कार्यकाल रहा है. वहां उन्हें पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सैन्य गतिरोध में चल रहे अभियानों का अनुभव है.

Advertisement

एक जुलाई 1964 को जन्मे लेफ्टिनेंट जनरल उपेन्द्र द्विवेदी को 15 दिसंबर 1984 को भारतीय सेना की जम्मू और कश्मीर राइफल्स में कमीशन मिला था.

Featured Video Of The Day
MVA ने अतिरिक्त उम्मीदवार उतारकर विधान परिषद चुनाव को रोचक बनाया
Topics mentioned in this article