पेट्रोल-डीजल पर राहत, जानिए अब तेल पर केंद्र और राज्यों का कितना टैक्स

डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में ये कटौती दीपावली के एक दिन पहले की है. इससे कल सुबह से पेट्रोल 5 रुपये औऱ डीजल 10 रुपये सस्ता हो जाएगा.

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पेट्रोल-डीजल की कीमत घटाने पर लगातार हो रही थी चर्चा. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
नई दिल्ली:

केंद्र सरकार ने दीपावली के एक दिन पहले लोगों को बड़ी राहत देते हुए पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी 5 रुपये और डीजल पर 10 रुपये घटा दी है. सूत्रों के मुताबिक ये दरें गुरुवार को लागू हो जाएंगी. दिल्ली में ही पेट्रोल की कीमतें 110 रुपये के करीब पहुंच गई हैं. जबकि डीजल 99 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है. नई दरें लागू होने के बाद कल यानि बुधवार की सुबह से पेट्रोल 5 रुपये औऱ डीजल 10 रुपये सस्ता हो जाएगा.

1 नवंबर, 2021 को पेट्रोल टैक्स पर इंडियन ऑयल का डेटा

1 नवंबर, 2021 को दिल्ली में पेट्रोल की खुदरा कीमत:  रु. 109.69/लीटर

उत्पाद शुल्क (Excise Duty) : रु. 32.90/लीटर

वैट: रु. 25.31/लीटर

कुल कर - 58.21 रुपये/लीटर

अब आज की कटौती के बाद पेट्रोल पर टैक्स घटकर 53.21 रुपये प्रति लीटर हो जाएगा

पेट्रोल-डीजल की कीमत घटाने पर लगातार हो रही थी चर्चा

पेट्रोलियम की कीमतों में कमी लाने के लिए केंद्र वित्त मंत्रालय के साथ "लगातार चर्चा" कर रहा था. देश भर में ईंधन की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर हैं और आम आदमी की जेब पर भारी पड़ रही है. दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल की कीमत अब 105.84 रुपये है, जबकि डीजल 94.57 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है. वर्तमान में पेट्रोल की कीमत उस कीमत से 33 प्रतिशत अधिक है जिस पर विमानन टर्बाइन ईंधन (एटीएफ या जेट ईंधन) एयरलाइंस को बेचा जाता है. दिल्ली में एटीएफ की कीमत 79,020.16 रुपये प्रति किलो लीटर या मोटे तौर पर 79 रुपये प्रति लीटर है.

जीएसटी के दायरे में लाने पर सहमति नहीं

हालांकि सूत्रों ने स्पष्ट रूप से उल्लेख किया था कि पेट्रोलियम उत्पादों को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाने पर कोई सहमति नहीं बनी है. पूर्व वित्त मंत्री और मौजूदा तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता यशवंत सिन्हा की बढ़ती ईंधन दरों पर टिप्पणी पर, सूत्रों ने कहा, "2014 के साथ कीमतों की तुलना नहीं की जा सकती."

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यशवंत सिन्हा ने केंद्र सरकार पर साधा था निशाना

सिन्हा ने रविवार को कहा था, "हम मरे हुए लोगों का देश हैं. पेट्रोल, डीजल और एलपीजी की कीमतों में दैनिक और अनुचित वृद्धि को और कहीं भी लोगों ने बर्दाश्त नहीं किया होगा. अगर सरकार ने 2014 में करों में 75,000 करोड़ रुपये एकत्र किए, तो वह आज संग्रह कर रही है. 3.50 लाख करोड़ रु. क्या यह दिनदहाड़े डकैती नहीं है?

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