2024 लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस करेगी क्राउडफंडिंग, बनाई पूरी रणनीति : सूत्र

कांग्रेस का कॉर्पोरेट चंदा पिछले 7 वर्षों में लगातार कम हुआ है, जबकि भाजपा का बढ़ा है. हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस के पास 805.68 करोड़ रुपये की संपत्ति है.

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कांग्रेस जल्द ही एक राष्ट्रव्यापी क्राउडफंडिंग अभियान शुरू करेगी...
नई दिल्‍ली:

कांग्रेस पार्टी 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले कई चुनौतियों का सामना कर रही है. इनमें से एक बड़ी चुनौती है नकदी संकट...! कांग्रेस ने इस संकट से उबरने के लिए रणनीति बना ली है. पार्टी के सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस जल्द ही एक राष्ट्रव्यापी क्राउडफंडिंग अभियान शुरू करेगी. पार्टी अगले महीने पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के बाद यह अभियान शुरू करेगी. नवंबर में तेलंगाना, मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मिजोरम में मतदान होंगे, सभी 5 राज्यों के नतीजे 3 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे.

कांग्रेस के पास 805.68 करोड़ रुपये की संपत्ति
कांग्रेस पार्टी ने अगले साल के आम चुनाव में भाजपा से मुकाबला करने के लिए 25 अन्य दलों के साथ गठबंधन किया है. चुनाव के लिए कांग्रेस पार्टी कार्यकर्ताओं सहित देश भर के लोगों से पैसे जुटाने की योजना बना रही है. वकालत समूह एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस के पास 805.68 करोड़ रुपये की संपत्ति है. इसकी तुलना में भारतीय जनता पार्टी के पास 6,046.81 करोड़ रुपये हैं.

लगातार कम हो रहा कांग्रेस का कॉर्पोरेट चंदा 
पिछले 7 वर्षों में कांग्रेस के लिए कॉर्पोरेट चंदा भी लगातार कम हुआ है, जबकि भाजपा लगातार बढ़ रही है। पिछले 7 वर्षों में, भाजपा द्वारा घोषित कॉर्पोरेट चंदा अन्य सभी राष्ट्रीय दलों के कुल चंदे से कम से कम तीन गुना अधिक है. वित्त वर्ष 2017-18 में यह अन्य सभी राष्ट्रीय पार्टियों से अठारह गुना से भी ज्यादा थी. हालांकि, इसके कोई नई बात नहीं है. आमतौर पर जो भी पार्टी सत्‍ता में होती है, उसे कॉर्पोरेट चंदा हमेशा ज्‍यादा मिलता है. 

AAP की राह पर कांग्रेस...!
जनता से चंदा मांगने का कांग्रेस का कदम आम आदमी पार्टी की तर्ज पर प्रतीत होता है, जो ऑनलाइन चंदा मांगती है. पार्टी 2019 के लोकसभा चुनावों के लिए भी इस रास्ते पर चली गई थी, क्योंकि उसके कुछ कार्यालयों को चलाने के लिए धन खत्म हो गया था. इसके अलावा आम आदमी पार्टी ने 'लंच विद सीएम' कार्यक्रम शुरू किया था. इसमें आम लोगों को अरविंद केजरीवाल के साथ लंच और डिनर करने का मौका मिला था. इसके बदले उन्‍हें पार्टी फंड में पैसे देने होते थे. 

बता दें कि 2019 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने 545 लोकसभा सीटों में से केवल 52 सीटें ही हासिल की थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने 303 सीटें हासिल कर प्रचंड जीत दर्ज की थी. 

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