आज से ऑनलाइन खाना मंगाना महंगा, जूते-चप्पलों पर देना होगा 12% GST

ऐसे फूड वेंडर जो अभी माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे से बाहर हैं, यदि वे ग्राहकों को ऑनलाइन ऑर्डर के जरिये आपूर्ति करते हैं तो उन्हें जीएसटी देना होगा.

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प्रतीकात्मक तस्वीर.
नई दिल्ली:

खाने-पीने का सामान ऑनलाइन मंगाना नए साल की शुरुआत यानी आज से महंगा होने जा रहा है. खाने-पीने के सामान की ऑनलाइन डिलिवरी करने वाली स्विगी और जोमैटो जैसी कंपनियों को अब ग्राहकों से पांच प्रतिशत कर जुटाना होगा और उसे सरकार के पास जमा करना होगा. ऐसे फूड वेंडर जो अभी माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे से बाहर हैं, यदि वे ग्राहकों को ऑनलाइन ऑर्डर के जरिये आपूर्ति करते हैं तो उन्हें जीएसटी देना होगा. अभी जीएसटी के तहत पंजीकृत रेस्तरां ग्राहकों से कर वसूलते हैं और सरकार के पास जमा कराते हैं.

इसके अलावा शनिवार से ही ऐप आधारित कैब सेवा कंपनियों मसलन उबर और ओला को भी दोपहिया और तिपहिया वाहनों की बुकिंग पर पांच प्रतिशत जीएसटी का संग्रह करना होगा. वहीं आज ही से सभी जूते-चप्पलों (फुटवियर) पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगेगा. यानी सभी दाम के फुटवियर पर 12 प्रतिशत की जीएसटी दर लागू होगी. नए साल की शुरुआत से जीएसटी में ये बदलाव लागू हो रहे हैं.

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इसके अलावा कर अपवंचना रोकने के लिए जीएसटी कानून में संशोधन किया गया है. इसके तहत इनपुट कर क्रेडिट (आईटीसी) अब सिर्फ एक बार मिलेगा. करदाता के जीएसटीआर 2बी (खरीद रिटर्न) में ‘क्रेडिट' दर्ज होने के बाद इसे दिया जाएगा. जीएसटी नियमों के तहत पहले पांच प्रतिशत का ‘अस्थायी' क्रेडिट दिया जाता था. एक जनवरी, 2022 से इसकी अनुमति नहीं होगी.

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ईवाई इंडिया के कर भागीदार विपिन सपरा ने कहा, ‘‘इस बदलाव का करदाताओं की कार्यशील पूंजी पर तत्काल प्रभाव पड़ेगा, जो अभी तक 105 प्रतिशत के ‘क्रेडिट' का लाभ ले रहे थे. इस बदलाव से अब उद्योग के लिए भी यह जरूरी हो जाएगा कि वे सही और अनुपालन वाले वेंडरों से खरीद करें.

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नए साल से कर अपवंचना रोकने के उपायों के तहत जीएसटी रिफंड के लिए आधार सत्यापन को भी अनिवार्य किया गया है. इसमें ऐसी इकाइयां जिन्होंने कर का भुगतान नहीं किया है और पिछले महीने के लिए जीएसटीआर-3बी जमा कराया है, उन्हें जीएसटीआर-1 दाखिल करने की सुविधा नहीं होगी.

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अभी तक जीएसटी कानून के तहत यदि कंपनियां या इकाइयां पिछले दो माह का जीएसटीआर-3बी जमा कराने में विफल रहती हैं, तो उन्हें बाहरी आपूर्ति के लिए रिटर्न या जीएसटीआर-1 दाखिल करने की अनुमति नहीं होती थी. इसके अलावा जीएसटी कानून में संशोधन कर जीएसटी अधिकारियों के अधिकार बढ़ाए गए हैं. जीएसटी अधिकारी बिना किसी कारण बताओ नोटिस के जीएसटीआर-3बी के जरिये कम बिक्री दिखाकर कर का भुगतान करने वाली इकाइयों के परिसर में जाकर बकाया कर की वसूली कर सकते हैं. 

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सपरा ने कहा कि इस कदम से जाली बिलों पर रोक लगेगी. अभी तक विक्रेता खरीदार को ऊंचे आईटीसी का लाभ देने के लिए ऊंची बिक्री दिखाते थे और कम जीएसटी देनदारी को जीएसटीआर-3बी में बिक्री को कम कर दिखाते थे.

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