केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने पश्चिम बंगाल (West Bengal) दौरे के दौरान रविवार को बाउल गायक बासुदेब दास के घर पर भोजन किया लेकिन उससे एक शब्द भी बात नहीं की. बुधवार को दास ने अफसोस जाहिर करते हुए कहा कि शांति निकेतन स्थित उनके घर पर भोजन करने के तुरंत बाद अमित शाह वहां से चले गए. अब राज्य सरकार ने गरीब बासुदेब दास को आर्थिक सहायता देने की पेशकश की है. दूसरी तरफ, बीजेपी का आरोप है कि तृणमूल कांग्रेस की नींद तब टूटी, जब अमित शाह के कदम गरीब गायक के घर पर पड़े.
इस बीच, बासुदेब दास, जिन्हें बीरभूम जिले के तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष अनुब्रत मंडल ने राज्. सरकार से आर्थिक मदद दिलाने का वादा किया है, ने कहा कि वो 29 दिसंबर को होने वाली ममता बनर्जी की रैली में शामिल होंगे. दास ने कहा, "मेरे पास अमित शाह जी जैसे ड़े व्यक्ति को बताने के लिए कुछ चीजें थीं. मैं उन्हें बाउल कलाकारों की स्थिति के बारे में बताना चाहता था कि उनकी दशा सुधारने के लिए क्या कुछ किया जा सकता है."
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तृणमूल कांग्रेस के दफ्तर में पार्टी अध्यक्ष अनुव्रत मंडल के साथ बैठे दास ने पत्रकारों से कहा, "राज्य सरकार पहले से ही हमें मदद की पेशकश कर रही है लेकिन मैं केंद्र सरकार से भी मदद चाहता था. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि मैं अपनी बेटी की उच्च शिक्षा के लिए हो रही वित्तीय कठिनाइयों के बारे में उन्हें बताना चाहता था, जो हाल ही में एमए पास की है.
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दास ने कहा कि वह अपने आवास पर अमित शाह को स्वादिष्ट भोजन कराकर और अपना गायन सुनाकर बहुत खुश थे लेकिन केंद्रीय गृह मंत्री से एक शब्द भी बात करने का मौका नहीं मिलने का उन्हें मलाल है. दास ने कहा कि अमित शाह के वहां से जाने के बाद बीजेपी के किसी नेता ने फिर पलट कर हमसे बात भी नहीं की और न ही कोई कुछ पूछने आया.