नेपाल से आया पानी(Nepal flood) हर साल बिहार के कई जिलों के लिए मुसीबत का सबब बनता आ रहा है औऱ इस बार भी ऐसा ही दिख रहा है. बिहार के मोतिहारी जिले (Motihari Flood) में नेपाल से आई बाढ़ का पानी इन दिनों प्रलय मचाए हुए हैं. बाढ़ के पानी से प्रभावित लोग गांव छोड़कर ऊंचे स्थान पर जाने को मजबूर हो गए हैं. लालपरसा में धुमनी टोला में जर्जर रिंग बांध लगभग 70 फीट तक टूट गया है. सुगौली सिकरहना नदी के पानी के दबाव से शुकुल पाकड़ के लालपरसा में रिंग बांध टूट गया है. नदी का पानी गांव की ओर बहने लगा है.
बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लोगों को जिसका भय था, वहीं होता दिख रहा है. स्थानीय लोगों ने बताया कि इस बार आ रही बाढ़ का कारण रिंग बांध की समय से पूर्व मरम्मत नहीं होना है. हम लोग सभी अधिकारियों और जनप्रतिनिधियो से कई बार बोला गया कि अप्रैल-मई तक रिंग बांध की मरम्मत जरूर करा दी जाए, ताकि किसान खेती भी कर लेंगे और बाढ़ से बच भी जाएंगे, लेकिन अधिकारी और जनप्रतिनिधि केवल बांध को देखने आते रहे,पर अब तक बांध का मरम्मत भी नहीं कराया गया. इसका नतीजा यह हुआ कि नदी में बढ़ते जल स्तर के चलते जर्जर बांध को तोड़कर पानी गांव में घुसने लगा है. अब लोग अपनी जान बचाने के लिए घर द्वार छोड़कर ऊंची जगहों पर शरण लेने को विवश हो गए हैं.
बाढ़ प्रभावित लोगों के सामने भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है. लगता तो ऐसा है कि किसी को भी बाढ़ प्रभावित लोगों की जान माल की चिंता नही है. ग्रामीणों का कहना है कि यदि समय पर बांध का मरम्मत कर दिया गया होता तो इस बार हमलोगों को ऐसा दिन नहीं देखना पड़ता. लोग बाढ़ व कटाव से ऊंचे जगह पर जाने लग गए हैं, ताकि किसी तरह जान बचाई जा सके.
गौरतलब है कि नेपाल का पानी हर साल बिहार के मुसीबत बनता है. कोसी नदी की बाढ़ से बिहार के कई जिले बुरी तरह प्रभावित होते हैं.