नई संसद. नई सरकार. नए सांसद. नई लोकसभा... सोमवार को 18वीं लोकसभा का पहला दिन कुछ बदला-बदला सा था. सांसदी की शपथ का दिन था, तो सबकुछ बिल्कुल शांति से चलना ही था. लेकिन इन सबके बीच कुछ और भी चल रहा था. इशारों-इशारों में. चुपचाप वार-पलटवार चल रहे थे. पीएम मोदी जब संसद में दाखिल हुए बीजेपी सांसदों ने उनका स्वागत पूरे जोश से किया. नारे लगे. इसके बाद पीएम मोदी अपनी सीट पर बैठ गए. ट्रेजरी बेंच के दूसरे छोर पर विपक्ष की एकजुटता की झलक मिल रही है. अठारवीं लोकसभा के पहले दिन का यह सबसे खास सीन था. अखिलेश यादव और राहुल गांधी पहली पंक्ति में आसापास ही बैठे थे.
मोदी के सदन में आने के बाद विपक्ष की तरफ से कुछ हलचल हुई और पीएम मुस्कुरा दिए. वह काफी देर तक हंसते रहे. दरअसल कांग्रेस नेता राहुल गांधी और बाकी विपक्षी सांसद संविधान की प्रति के साथ संसद में आए थे. शपथ के दौरान वह सत्ता पक्ष के सांसदों को बार बार संविधान की प्रति दिखा रहे थे. चुनाव प्रचार के दौरान राहुल गांधी ने अपने इस हथियार से बीजेपी पर जमकर वार किए थे.
सांसदों की शपथ के दौरान पक्ष-विपक्ष के बीच एक दूसरे को छेड़ने का यह सिलसिला लगातार चलता रहा. गृह मंत्री अमित शाह जब शपथ लेने के लिए पहुंचे, तो राहुल गांधी उन्हें संविधान की कॉपी दिखाते नजर आए. इससे पहले पीएम मोदी जब शपथ के दौरान सभी सांसदों का अभिवादन कर रहे थे, उस वक्त भी राहुल गांधी संविधान को दोनों हथेलियों के बीच रखकर उसका जवाब देते हुए दिखाई दे रहे थे.
पीएम मोदी हाल में संपन्न लोकसभा चुनाव के बाद लगातार तीसरी बार सत्ता में लौटे हैं. मोदी और उनकी मंत्रिपरिषद ने नौ जून को शपथ ली थी. पीएम मोदी तीसरी बार वाराणसी लोकसभा के सदस्य निर्वाचित हुए हैं. कार्यवाही शुरू होते ही सदन के नेता होने के नाते मोदी ने सबसे पहले शपथ ली.
इससे पहले भर्तृहरि महताब ने राष्ट्रपति भवन में सदन के सदस्य और प्रोटेम स्पीकर के रूप में शपथ ली. इससे पहले पीएम मोदी का संबोधन हुआ. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि ये वैभव का दिन है. साथ ही पीएम मोदी ने नए सांसदों का स्वागत भी किया और कहा कि देश चलाने के लिए सहमति जरूरी है.
18वीं लोकसभा के पहले सत्र से पहले पीएम मोदी का संबोधन हुआ. इस संबोधन ने नई सरकार और विपक्ष की भूमिका पर बात की. इसके बाद पीएम मोदी सदन में पहुंचे, जहां उनके चेहरे पर हल्की सी मुस्कान नजर आई. आज से शुरू हुआ संसद का सत्र 3 जुलाई तक चलेगा.
पीएम मोदी ने सत्र से पहले संबोधन में क्या कहा
पीएम मोदी ने सत्र शुरू होने से पहले के अपने संबोधन में कहा कि देश की जनता विपक्ष से संसद की गरिमा बनाए रखने की उम्मीद करती है ना कि ‘नखरे, ड्रामा, नारेबाजी और व्यवधान' की. उन्होंने कहा कि देश को एक अच्छे और जिम्मेदार विपक्ष की आवश्यकता है. 18वीं लोकसभा के पहले सत्र के पहले दिन मीडिया को संबोधित करते हुए मोदी ने सभी नवनिर्वाचित सांसदों से इस सत्र का उपयोग जनहित में करने का आह्वान भी किया. उन्होंने कहा, ‘‘सभी सांसदों से देश को बहुत अपेक्षाएं हैं. मैं सभी सांसदों से आग्रह करूंगा कि वे जनहित के लिए इस अवसर का उपयोग करें और जनहित में हर संभव कदम उठाएं.''
पीएम मोदी ने विपक्ष की जिम्मेदारी का भी किया जिक्र
पीएम मोदी ने कहा कि देश की जनता विपक्ष से अच्छे कदमों की अपेक्षा रखती है. अब तक जो निराशा मिली है... इस 18वीं लोकसभा में देश का सामान्य नागरिक विपक्ष से अपेक्षा करता है कि वह जिम्मेवार विपक्ष के नाते अपनी भूमिका का निर्वाह करे, लोकतंत्र की गरिमा को बनाए रखने की देश उनसे अपेक्षा करता है... मैं आशा करता हूं कि विपक्ष उसमें खरा उतरेगा.'' प्रधानमंत्री ने कहा कि आम जन अपेक्षा करता है कि सदन में बहस हो. लोगों को यह अपेक्षा नहीं है कि नखरे होते रहे, ड्रामा होते रहे, व्यवधान होता रहे... लोग ठोस काम चाहते हैं, नारेबाजी नहीं चाहते.
इसी के साथ पीएम मोदी ने ये भी कहा कि देश को एक अच्छे विपक्ष की आवश्यकता है... जिम्मेवार विपक्ष की आवश्यकता है और मुझे पक्का विश्वास है कि इस 18वीं लोकसभा में हमारे जो सांसद जीत कर आए हैं वह सामान्य जन की अपेक्षाओं को पूर्ण करने का प्रयास करेंगे. वहीं विकसित भारत के हमारे संकल्प को पूरा करने के लिए हम सब का दायित्व है कि हम मिलकर के उस दायित्व को निभाएं और जनता का विश्वास और मजबूत करें.''
(भाषा इनपुट्स के साथ)