बिहार में नई सरकार बनने के दो दिनों के भीतर ही भ्रष्टाचार के आरोपी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के विधायक मेवालाल चौधरी के शिक्षा मंत्री के रूप में नियुक्ति किए जाने पर विवाद छिड़ गया है. राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल ने अल्पसंख्यक समुदायों के विधायकों की अनदेखी करते हुए दागी नेता को ऊपर उठाने के फैसले पर सत्तारूढ़ भाजपा-जदयू गठबंधन पर सवाल उठाया है.
हालांकि चौधरी ने सहायक प्रोफेसर और कनिष्ठ वैज्ञानिक के पदों पर नियुक्तियों में हुए भ्रष्टाचार और अनियमितताओं से जुड़े सभी आरोपों को निराधार बताया है. आरोप 2017 में सामने आए थे जब वह भागलपुर कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति थे.
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मंत्री चौधरी ने एनडीटीवी को बताया, "नहीं. मैंने कभी भी कुछ नहीं बताया (चुनावी हलफनामे में भ्रष्टाचार के बारे में) मुझे नहीं पता कि आपको यह जानकारी कहां से मिली. कोई भी कानून से ऊपर नहीं है और यह मामला लंबित है. चार्जशीट भी दाखिल नहीं की गई. जांच जारी है. कुछ भी नहीं हुआ है. "
उन्होंने आगे कहा कि आपके खिलाफ दर्ज किया गया एक मामला केवल अपराध का सबूत नहीं है. उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल के तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि वह खुद भ्रष्ट हैं और उन्हें दूसरों पर उंगली नहीं उठानी चाहिए.चौधरी ने कहा कि "कई विधायकों के खिलाफ मामले हैं."
चौधरी ने इस बात से भी इनकार किया कि उनके भतीजे को 2017 के मामले में गिरफ्तार किया गया था. उन्होंने कहा, "कौन सा भतीजा?" बता दें कि तत्कालीन राज्यपाल राम नाथ कोविंद ने तीन साल पहले उनके खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दी थी.
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नेता विपक्ष तेजस्वी यादव ने ट्वीट के जरिए नीतीश सरकार पर हमला बोला, उन्होंने चाथी बार मुख्यमंत्री बने नीतीश कुमार पर राज्य में सत्ता बनाए रखने के लिए "अपराधियों" को नियुक्त करने का आरोप लगाया.
तेजस्वी ने कहा, ''सत्ता अपराधियों को बचा रही है ... मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मेवालाल चौधरी को नियुक्त करके लूट और डकैती की छूट दी है ... मुख्यमंत्री अपनी कुर्सी बचाने के लिए अपराध, भ्रष्टाचार और सांप्रदायिकता पर अपना प्रवचन जारी रखेंगे ... अल्पसंख्यक समुदायों में से कोई नहीं मंत्री बनाए गए.”
बता दें कि भ्रष्टाचार के मामले में जेल में बंद आरजेडी प्रमुख लालू यादव ने भी नियुक्ति को लेकर भाजपा और जेडीयू पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि जो लोग पहले मेवालाल चौधरी की तलाश कर रहे थे, वे अब चुप हैं. "तेजस्वी यादव की 10 लाख नौकरियों की प्राथमिकता के विपरीत, बिहार में अब नीतीश कुमार हैं जिनकी प्राथमिकता मेवालाल चौधरी की नियुक्ति है."
बता दें कि चौधरी को 2017 में जेडीयू से निलंबित कर दिया गया था, लेकिन बाद में फिर से शामिल कर लिया गया. उस समय भाजपा ने विपक्ष में रहते हुए चौधरी की गिरफ्तारी की मांग की थी. तत्कालीन बिहार के राज्यपाल राम नाथ कोविंद द्वारा मंजूरी के बाद उनके खिलाफ एक आपराधिक मामला दायर किया गया था. हालांकि, अभी उनके खिलाफ चार्जशीट दर्ज नहीं की गई है.