फिल्म निर्माता लीना मणिमेकलाई (Leena Manimekalai) के खिलाफ "फिल्म काली" के विवादित पोस्टर मामले में लखनऊ (Lucknow) और गोंडा (Gonda) जिले में केस दर्ज किया गया है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली में फिल्मकार लीना मणिमेकलाई, निर्माता आशा एसोसिएट्स और संपादक श्रवण ओनाचन के खिलाफ केस दर्ज किया गया है.
इनके खिलाफ धारा 120—बी (साजिश रचने), 153—बी (राष्ट्रीय एकता के खिलाफ प्रभाव डालने वाले भाषण देना या लांछन लगाना), 295 (किसी वर्ग के धर्म का अपमान), 298 (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के विचार से शब्द उच्चारित करना) समेत विभिन्न धाराओं और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66 और 67 के तहत मामला दर्ज किया गया है.
गोंडा में रितेश नाम के वकील ने हिंदू धर्म के लोगों की भावनाएं आहत करने के आरोप में मामला दर्ज कराया है. इसके अलावा लखीमपुर खीरी जिले में भी इसी मामले में पुलिस से शिकायत की गई है. गौरतलब है कि फिल्मकार लीना मणिमेकलाई ने गत दो जुलाई को 'काली' फिल्म का पोस्टर सोशल मीडिया पर साझा किया था. इस पोस्टर में मां काली का रूप धारण किये महिला को सिगरेट पीते हुए दिखाया गया है. इसके अलावा इसमें कुछ अन्य आपत्तिजनक चीजें भी हैं. इस पोस्टर का व्यापक स्तर पर विरोध हो रहा है.
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कौन हैं लीना मणिमेकलाई
लीना मणिमेकलाई तमिलनाडु के मदुरै में जन्मी हैं. वो कानाडा के टोरंटो बेस्ड फिल्ममेकर हैं. फिल्ममेकर मेकर के साथ ही एक अभिनेत्री और कवियत्री भी हैं. लीना ने अपने करियर की शुरुआत असिस्टेंट डायरेक्टर के तौर पर की थी. उन्होंने कई मेनस्ट्रीम फिल्ममेकर्स को असिस्ट कर चुकी हैं. लीना ने 2002 में देवदासी प्रथा को लेकर मथम्मा नाम की एक फिल्म बनाई थी. इस फिल्म को लेकर अरुंधतियार समुदाय समेत खुद उनके परिवार ने लीना का विरोध किया था.
इसके बाद 2004 में लीना ने दलित महिलाओं के खिलाफ होने वाली हिंसा पर डॉक्यूमेंट्री फिल्म पाराई बनाई. इस फिल्म पर भी खूब बवाल हुआ. लेकिन लीना डटी रहीं और उन्होंने साल 2011 में फीचर फिल्म सेनगदल बनाई. यह इंडिया और श्रीलंका के बीच फंसे मछुवारों की कहानी पर बनी थी, जिसका फोकस तमिलनाडु के शहर धनुषकोडी पर था.
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