विश्‍वविद्यालयों में कुछ ताकतें देश तोड़ने की कोशिश कर रहीं, देश के लिए काम करना जारी रखे ABVP: होसबाले

होसबाले ने कहा, ‘‘युवा पीढ़ी को जनकल्याण के लिए सरकार के खिलाफ आवाज उठानी होती है, लेकिन उसे कभी देश के टुकड़े-टुकड़े करने की बात नहीं करनी चाहिए.’’

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दत्तात्रेय होसबाले ने ABVP को ‘‘राष्ट्रवाद का नेतृत्वकर्ता’’ बताया
नई दिल्ली:

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के वरिष्ठ नेता दत्तात्रेय होसबाले ने शुक्रवार को कहा कि छात्र संगठनों को देश को टुकड़े-टुकड़े करने की बात नहीं करनी चाहिए. साथ ही उन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से कहा कि वह देश निर्माण की दिशा में पूरे उत्साह और लगन से आगे बढ़ते रहे.होसबाले फिलहाल RSS के महासचिव हैं और वह लंबे समय तक एबीवीपी के संगठन सचिव रहे हैं. एबीपीवी के 75 साल के इतिहास से संबंधित दो पुस्तकों के विमोचन पर होसबाले ने आरएसएस से जुड़े विद्यार्थी संगठन को ‘‘राष्ट्रवाद का नेतृत्वकर्ता'' बताया.

किसी संगठन का नाम लिए बगैर होसबाले ने कहा, ‘‘प्रत्येक छात्र संगठन की प्रकृति शासन-विरोधी होती है. इसमें कोई संदेह नहीं है. कभी-कभी युवा पीढ़ी को जनकल्याण के लिए सरकार के खिलाफ आवाज उठानी होती है, लेकिन उसे कभी देश के टुकड़े-टुकड़े करने की बात नहीं करनी चाहिए.''उन्होंने कहा, ‘‘उनके मन में समाज के प्रति विद्वेष नहीं होना चाहिए और उन्हें सभ्यता के खिलाफ घृणा नहीं फैलानी चाहिए. उन्हें समाज में अफरा-तफरी फैलाने के लिए काम नहीं करना चाहिए.''

होसबाले ने कहा, ‘‘क्रांति के नाम पर उन्हें देश में खून-खराबे की बात नहीं करनी चाहिए. क्या वे अपने लोगों को मार कर क्रांति ला सकते हैं? बंदूक की जोर पर क्रांति लाने का प्रयास करने वाले ऐसे लोगों को देश के विश्वविद्यालयों में रोकने के लिए एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने अपने प्राणों की आहुति दी है.''

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