ऑर्डेनेन्स फैक्ट्री बोर्ड के कर्मचारियों से जुड़ी तीनों मान्यता प्राप्त फेडरेशन भारतीय प्रतिरक्षा मजदूर संघ, इंडियन नेशनल डिफेंस वर्कस फेडरेशन और ऑल इंडिया डिफेंस एम्प्लाइज फेडरेशन ने कहा कि फैक्ट्री के निगमीकरण के सरकार के फैसले के खिलाफ आठ जुलाई को काला दिवस मनायेंगे. तीनों फैडरेशन सरकार को चिठ्ठी लिखेंगे कि हड़ताल के खिलाफ अध्यादेश लाना यह ट्रेड यूनियन के अधिकार का उल्लंघन है. सरकार से फेडरेशन ने अपील किया है कि वह इस अध्यादेश को वापस ले. यही नहीं तीनों फेडरेशन सरकार की ओर से लाई गई अध्यादेश के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में अलग अलग केस भी दायर करेंगे. मीटिंग में यह भी फैसला लिया गया कि 26 जुलाई से होने वाली प्रस्तावित हड़ताल को फिलहाल टाल दिया गया है.
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अध्यादेश की वजह से हड़ताल को लेकर नोटिस तक नहीं दे सकते है. सरकार ने इसे गैरकानूनी घोषित कर दिया गया है. फेडरेशन से जुड़े नेताओं ने एनडीटीवी को बताया कि यह अध्यादेश एक तरह से काला कानून है जो संविधान से लोकतांत्रिक अधिकार मिले है उसका भी हनन है . इसका विरोध वो हर स्तर पर करेंगे. इससे पहले बुधवार को सरकार ने Essential Defence Services Ordinance नाम से एक अध्यादेश लागू किया है . इस अध्यादेश में रक्षा उत्पादन से जुड़े संस्थानों को आवश्यक रक्षा सेवा ( Essential Defence Services ) की श्रेणी में लाया गया है . इसके मुताबिक़ अगर ऐसे संस्थानों में हड़ताल करने की कोशिश की जाती है तो उसे ग़ैर क़ानूनी माना जाएगा. ऐसा करने वाले व्यक्ति के लिए अध्यादेश में एक साल की सज़ा और दस हज़ार रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान है . यही नहीं , अगर कोई व्यक्ति किसी और व्यक्ति को हड़ताल करने के लिए उकसाता है तो उसके लिए दो साल की सज़ा और पंद्रह हज़ार रुपए के ज़ुर्माने का प्रावधान होगा.
इससे पहले 27 जून को ऑर्डेनेन्स फैक्ट्री बोर्ड के कर्मचारियों से जुड़ी तीनों मान्यता प्राप्त फेडरेशन भारतीय प्रतिरक्षा मजदूर संघ , इंडियन नेशनल डिफेंस वर्कस फेडरेशन और ऑल इंडिया डिफेंस एम्प्लाइज फेडरेशन ने ऐलान किया है कि वो ऑर्डेनेन्स फैक्ट्री बोर्ड के निगमीकरण के फैसले के खिलाफ 26 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जायेंगे. सेना के लिए हथियार गोलाबारुद से लेकर टैंक बनाने वाले 74 हजार कर्मचारी कहना है कि निगमीकरण के बहाने सरकार इन कारखानों का निजीकरण कर रही है .वही सरकार का दावा है कि ऑर्डेनेन्स फैक्ट्री बोर्ड के सात कॉरपोरेशन बनने से कारखानो को आधुनिक बनाया जा सकेगा और सेना को समय पर बेहतर हथियार मिल सकेंगे.
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