गुजरात के वडोदरा में बाढ़ के बीच 500 मगरमच्छों का खौफ, तैरते हुए पहुंच जा रहे घर तक

Vadodara in fear of crocodiles : गुजरात के वडोदरा पर कुदरत का कहर बरपा हुआ है. एक तरफ बाढ़ तो दूसरी ओर मगरमच्छों के कारण लोगों की हालत खराब है. जानें कैसा है माहौल...

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Fear of crocodiles : मानसून के मौसम में वडोदरा के निवासियों के लिए एक नई समस्या उभर कर सामने आई है. बाढ़ के पानी में बहकर मगरमच्छ रिहायशी इलाकों में पहुंच रहे हैं. वन विभाग की टीम इन मगरमच्छों को बचाने के लिए तत्परता से काम कर रही है, ताकि इन्हें सुरक्षित रूप से विश्वामित्री नदी में वापस छोड़ा जा सके. विशेष जाल और उपकरणों का उपयोग किया जा रहा है. वन विभाग के बचाव केंद्र लाकर मगरमच्छों के स्वास्थ्य की जांच की जा रही है. घायल या कमजोर मगरमच्छों को तुरंत चिकित्सा दी जाती है. वन विभाग के साथ कई एनजीओ भी इन मगरमच्छ को पकड़ने में हाथ बंटा रहे हैं. हालांकि, इस बीच लोगों में दहशत का माहौल है. न जाने कब कहां से कोई मगरमच्छ आ जाए और वे उसका निवाला बन जाएं. 

  1. मगरमच्छ के लिए वडोदरा प्रसिद्ध है. 
  2. 2020 में 400 मगरमच्छ थे, ये आंकड़े अब बढ़कर 500 के पार हो चुके हैं. 
  3. बीते दो दिन में वन विभाग ने 24 मगरमच्छों को रेस्क्यू किया है. 
  4. वडोदरा के अकोटा, सयाजी बाग, वडोदरा पैलेस, बाल भवन में ज्यादा मगरमच्छ पकड़े जा रहे हैं. 
  5. पशु हेल्पलाइन के लिए वन विभाग ने 9409027166, 9825011117 नंबर्स जारी किए हैं.
  6. वडोदरा में बारिश में बड़ी संख्या में मगरमच्छ, जहरीले सांप, और कछुए पाए जा रहे हैं. 

वन विभाग क्या कर रहा?

फॉरेस्ट ऑफिसर करण सिंह राजपूत ने बताया कि हमारी टीम को जैसे ही मगरमच्छ रेस्क्यू के लिए कॉल आता है, हम सामान लेकर उस लोकेशन पर पहुंच जाते हैं. हमारी कोशिश रहती है कि बगैर किसी नुकसान के मगरमच्छ को पकड़ लिया जाए. अब तक हमने 24 मगरमच्छ को रेस्क्यू किया गया है.अब तक हमने कई सारे मगरमच्छ पकड़े हैं, लेकिन सबसे बड़ा मगरमच्छ 16 फीट का है. हमें रोज कई सारे कॉल आ रहे हैं और लोग मगरमच्छ दिखने की दहशत से कॉल कर रहे हैं. हमने हेल्पलाइन नंबर जारी रखा है, ताकि लोगों को मदद जल्दी मिल सके.

आम लोग भयभीत

रेस्क्यू शेल्टर में रहने वाली एक महिला ने बताया कि हमारे घर के पास बहुत बड़े-बड़े मगरमच्छ नजर आते हैं. हमें बहुत डर लगता है. हम डर के मारे सो नहीं पाते. हमारे घर के पास जब मगरमच्छ घूमते हैं तो हमें और हमारे बच्चों को बहुत डर लगता है. बारिश के दौरान ये डर और बढ़ जाता है. एक अन्य महिला ने बताया कि सांप, कछुए तक को देखकर बचाव का कुछ रास्ता दिखता है, लेकिन मगरमच्छ से बचने का तो कोई रास्ता भी नहीं सूझता. सोचकर ही डर लगता है. बड़े-बड़े मगरमच्छ रिहायशी इलाकों में तैर रहे हैं. कई घरों में भी पानी भर गया है. ऐसे में सबसे ज्यादा डर यही लगता है कि सोते समय तैरते हुए मगरमच्छ घर के अंदर न घुस जाएं. 

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