सार्वजनिक क्षेत्र की कई इकाइयों का कायाकल्प करने वाले वेंकटरमण कृष्णमूर्ति (Venkataraman Krishnamurthy) का 97 साल की उम्र में निधन (Died) हो गया है. उन्होंने बीएचईएल, मारुति उद्योग लिमिटेड और सेल का चेयरमैन रहते हुए इन्हें नया मुकाम दिलाया. देश के दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'पद्म विभूषण' से सम्मानित कृष्णमूर्ति को देश में ‘सार्वजनिक इकाइयों का पितामह' कहा जाता है. उन्होंने चेन्नई स्थित अपने आवास पर रविवार को अंतिम सांस ली. तमिलनाडु के करुवेली कस्बे में जन्मे कृष्णमूर्ति ने अपने करियर की शुरुआत दूसरे विश्व युद्ध के दौरान एयरफील्ड के तकनीकि सहयोगी के तौर पर की थी.
इलेक्ट्रिक इंजीनियरिंग में डिप्लोमा लेने वाले कृष्णमूर्ति मद्रास इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड के उच्च पद तक पहुंच गए. उन्हें 1954 में योजना आयोग में बिजली परियोजनाओं का प्रभारी बनाया गया. बाद में उन्होंने बीएचईएल को मुश्किल स्थिति में उबारने में अहम भूमिका निभाई.
उन्होंने मारुति (Maruti) उद्योग लिमिटेड के संस्थापक चेयरमैन रहते समय छोटी कार मारुति-800 को सड़क तक लाने में अहम भूमिका निभाई. उसके बाद उन्होंने सार्वजनिक क्षेत्र की इस्पात कंपनी सेल को नाकामी के भंवर से बाहर निकालने का भी काम किया. कृष्णमूर्ति ने भारतीय गैस प्राधिकरण लिमिटेड की भी कमान संभाली जिसे अब गेल इंडिया लिमिटेड के रूप में जाना जाता है.
उन्होंने पांच प्रधानमंत्रियों के साथ अहम दायित्वों का निर्वहन करने के साथ ही सोनिया गांधी की अगुआई वाली राष्ट्रीय सलाहकार परिषद के सदस्य के तौर पर भी काम किया. वह 2004-14 तक राष्ट्रीय विनिर्माण प्रतिस्पर्द्धात्मक परिषद के चेयरमैन भी रहे. इसके अलावा वह राजीव गांधी फाउंडेशन के संस्थापक ट्रस्टी भी रहे. मारुति सुजुकी के चेयरमैन आर सी भार्गव ने कृष्णमूर्ति को एक उत्कृष्ट व्यक्तित्व एवं दूरद्रष्टा करार देते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में ही मारुति उद्योग की समूची परियोजना पर अमल किया गया था.
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उन्हें प्रशासन से उद्योग जगत में लाने वाले कृष्णमूर्ति ही थे. टीवीएस मोटर कंपनी के चेयरमैन वेणु श्रीनिवासन ने भी कृष्णमूर्ति को अपना सलाहकार बताते हुए कहा कि कंपनी को खड़ा करने में उनकी मदद अहम रही है.