Farmers' Protests : कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों ने गुरुवार को संयुक्त किसान मोर्चा के तहत जुटकर दिल्ली के आसपास के इलाकों में ट्रैक्टर रैली निकाली. रैली में लगभग 40 किसान संगठनों ने हिस्सा लिया. किसान पहले ही सरकार को चेतावनी दे चुके हैं कि वो 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के मौके पर एक बड़ी रैली निकालेंगे. किसानों ने आज की रैली को 26 जनवरी की रैली का रिहर्सल बताया था.
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने NDTV से बातचीत में कहा कि 'सरकार हमारी मांगें नहीं मान रही है. वो बातचीत के बजाए मुद्दे को लटकाती अधिक है. रोज मेल-मिलाप हो रहा है. सरकार गन्ने की तरह है, जब तक लोहे से नहीं पेरी जाएगी, रस नहीं देगी. हम दबाव बनाएंगे.' उन्होंने कहा कि 'हम परेड में समझौता होने के बाद भी जाएंगे. 58 मॉडल के ट्रैक्टर हैं यह दिल्ली भी देख लेगी. राजपथ पर टैंक और ट्रैक्टर एक साथ चलेंगे. कौन रोकेगा?'
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वहीं, किसान नेता बलदेव सिंह सिरसा ने भी सरकार को चेतावनी दी. उन्होंने कहा कि 'आज हज़ारों की तादाद में हम ये ट्रैक्टर यात्रा निकाल रहे हैं. यह हमारी चेतावनी है सरकार को. अगर सरकार नहीं मानी तो 26 जनवरी को ये तस्वीर दिल्ली की होगी. सरकार बहुत ढीठ हो गई है. हम इस ट्रैक्टर मार्च के जरिए सरकार को जगा रहे हैं.'
सिरसा ने कहा कि 'कल हम बातचीत के लिए जाएंगे तो हमारा रूख़ सख़्त रखेंगे. लाखों की तादाद में किसान हैं पंजाब के अलावा हरियाणा , यूपी , राजस्थान, उत्तराखंड के भी किसान है. यह ट्रैक्टर मार्च सरकार को संदेश है कि किसान एक हैं.'