- मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में नकली खरपतवारनाशक दवा डालने से किसानों की सोयाबीन फसल पूरी तरह नष्ट हो गई है.
- केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस मामले की उच्चस्तरीय वैज्ञानिक जांच कराने के निर्देश दिए हैं.
- भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने तत्काल जांच समिति गठित कर प्रभावित खेतों का निरीक्षण शुरू कर दिया है.
मध्य प्रदेश के रायसेन ज़िले में नकली खरपतवारनाशक दवा डालने से किसानों की सोयाबीन की फसल पूरी तरह से नष्ट होने के मामले का संज्ञान लेते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसकी हाई लेवल जांच के निर्देश दिया है. शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को रायसेन ज़िले के छीरखेड़ा गांव में सोयाबीन के खेतों का औचक निरीक्षण किया था. इस दौरान उन्हें शिकायत मिली थी कि खरपतवारनाशक दवा डालने से किसानों की सोयाबीन की फसल पूरी तरह से नष्ट हो गई है. निरीक्षण के दौरान शिवराज सिंह ने पाया कि खेतों में सोयाबीन की जगह खरपतवार खड़े हैं और पूरी फसल जल चुकी है.
कृषि मंत्रालय के मुताबिक कृषि मंत्री से मुलाकात के दौरान किसानों ने आरोप लगाते लगाया कि यह नुकसान HPM कंपनी की दवा डालने से हुआ है. कृषि मंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया था कि इस मामले में की जांच के लिए एक उच्चस्तरीय वैज्ञानिकों का दल प्रभावित खेतों का निरीक्षण करेगा और जांच कर दोषी कंपनी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
सोमवार को शिवराज सिंह के निर्देश पर भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) द्वारा तत्काल जांच समिति गठित कर दी गई है. इस समिति में ICAR के खरपतवार अनुसंधान निदेशालय (DWR), जबलपुर के निदेशक डॉ. जे.एस. मिश्रा को चेयरमैन बनाया गया है.
साथ ही, अटारी जोन 9 के निदेशक डॉ. एस.आर.के. सिंह, रायसेन- विदिशा जिले के कृषि उप संचालक एवं कृषि विज्ञान केंद्र के प्रमुख को सदस्य बनाया गया है. कृषि मंत्रालय के मुताबिक, समिति ने रायसेन के प्रभावित खेतों का मुआयना शुरू कर दिया है. कृषि मंत्री ने कहा है कि किसानों को न्याय जरूर मिलेगा और इस हादसे की जिम्मेदारी कंपनी की होगी.
सोमवार को शिवराज सिंह ने कृषि विभाग और आईसीएआर के वरिष्ठ अधिकारियों की दिल्ली में उच्चस्तरीय बैठक में निर्देश दिया कि नकली खाद-बीज बेचने वालों के खिलाफ कृषि विभाग को कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि कृषि अधिकारी खेतों में जाकर औचक जांच करें और व्यापक पैमाने पर आकस्मिक छापेमारी करके कार्रवाई करें और गड़बड़ी मिलने पर फैक्ट्रियां और दुकानें सील करें.