केंद्र के कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ किसान पिछले 17 दिनों से दिल्ली के बॉर्डर पर डटे हुए हैं. किसानों का प्रदर्शन (Farmers Protest) रविवार को 18वें दिन में प्रवेश कर गया. किसानों का ट्रैक्टर मार्च राजस्थान-हरियाणा बॉर्डर से जयपुर दिल्ली राजमार्ग पर दिल्ली की ओर बढ़ रहा है. राजस्थान के शाहजहांपुर से करीब 10 किलोमीटर दूर राजस्थान-हरियाणा की सीमा पर हाइवे फिलहाल दोनों तरफ से खुला है, लेकिन पुलिस ने बड़े बड़े पत्थर रखकर हाइवे बंद करने की तैयारी की हुई है. किसानों ने सरकार का प्रस्ताव खारिज करते हुए आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी है. किसान आंदोलन के नेता कमलप्रीत सिंह पन्नू ने शनिवार को कहा, "हमने इस आंदोलन को और तेज करने का निर्णय लिया है. अभी हमारा धरना दिल्ली के 4 पॉइंट पर चल रहा है. कल (13 दिसंबर) राजस्थान बॉर्डर से हज़ारों किसान ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे और दिल्ली जयपुर हाइवे बन्द करेंगे." किसानों के ट्रैक्टर मार्च को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने बॉर्डर पर सुरक्षा बढ़ा दी है. कृषि कानूनों पर सरकार और किसानों के बीच गतिरोध को खत्म करने के लिए 6 दौर की बैठकें हो चुकी हैं. सरकार की मान-मनौव्वल की अब तक की सारी कोशिशें विफल साबित हुई हैं. किसानों की मांग है कि सरकार इन कानूनों को वापस ले और एमएसपी को लेकर कानून बनाए.
किसान आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे भारतीय किसान यूनियन (भानु गुट) में रविवार को तीखे मतभेद उभर कर सामने आ गए. नोएडा से दिल्ली को जाने वाले चिल्ला बॉर्डर खोलने को लेकर भानु गुट में दो फाड़ हो गए. नोएडा से दिल्ली बॉर्डर केवल एकमात्र विकल्प रह गया था, क्योंकि राजस्थान से किसानों को दिल्ली आने से रोकने के लिए दिल्ली-जयपुर बॉर्डर को बंद कर दिया गया था.
कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर पिछले कई दिनों से प्रदर्शन कर रहे किसानों (Farmers Protest) के समर्थन में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने भी रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की. किसानों के प्रति अपना समर्थन जताते हुए केजरीवाल ने कहा, 'किसानों ने कल एक दिन के उपवास का ऐलान किया है. उन्होंने पूरे देश से अपील की है कि उनके समर्थन में 1 दिन का उपवास रखें. मैं भी कल 1 दिन का उपवास रखूंगा.
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने किसान प्रदर्शन पर कहा, "दो कदम अगर किसान आगे बढ़ेगा तो दो कदम सरकार आगे बढ़ेगी और इसका हल निकालें. वरना, इन लोगों ने तो 60 साल सिर्फ राजनीति की थी और आज भी ये किसान का इस्तेमाल कर आगे बढ़ना चाहते हैं."
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, किसानों के ट्रैक्टर मार्च के बीच किसान आंदोलन को लेकर केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और सोम प्रकाश ने गृह मंत्री अमित शाह के घर पर उसके साथ बैठक की. इस दौरान बीजेपी ने अन्य नेता भी मौजूद रहे.
केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कृषि कानूनों को लेकर समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, "किसानों ने उस वक़्त जो बातें कहीं थी जब सरकार उन सारी चीजों को मान रही है तो दुविधा का सवाल कहां खड़ा होता है? दुविधा सिर्फ उन ताकतों ने खड़ी करने की कोशिश की है जो 6 सालों से हर मुद्दे पर देश में दुविधा पैदा कर रही हैं."
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताहिक, किसान जयसिंहपुर खेड़ा बॉर्डर(राजस्थान-हरियाणा) पर दिल्ली कूच करने के लिए और लोगों के आने का इंतजार कर रहे हैं. राष्ट्रीय किसान महासभा राजस्थान के संयोजक ने बताया, "राजस्थान के और संगठन और कार्यकर्ता आ रहे हैं. अधिक लोग आएंगे तो हम दिल्ली कूच करेंगे."
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, सिंघु बॉर्डर पर किसानों का प्रदर्शन 18वें दिन में प्रवेश कर गया है. एक प्रदर्शनकारी ने कहा, "मैं यहां पिछली रात पहुंचा हूं. पंजाब, हरियाणा और राजस्थान से और किसान आ रहे हैं. 16 दिसंबर को 500 और ट्रॉली यहां आएंगी."
एनडीटीवी के संवाददाता के मुताबिक, संयुक्त किसान आंदोलन के नेता कमलप्रीत सिंह पन्नू ने कल कहा, "आंदोलन को और तेज करने का निर्णय लिया है. रविवार यानी 13 दिसंबर को राजस्थान बॉर्डर से हज़ारों किसान ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे और दिल्ली जयपुर हाइवे बन्द करेंगे. 14 दिसम्बर को सारे देश के डीसी ऑफिस में प्रदर्शन करेंगे. हमारे प्रतिनिधि 14 दिसम्बर को सुबह 8 से 5 बजे तक अनशन पर बैठेंगे."