कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन (Farmers Protest) के बीच प्रदर्शनकारियों ने आज यानी शनिवार को चक्का जाम (Chakka Jam) किया. 12 बजे शुरू हुआ किसानों का चक्का जाम तीन बजे खत्म हो गया. चक्का जाम के दौरान, प्रदर्शनकारी किसानों ने पलवल हाईवे समेत अन्य राजमार्गों को जाम कर दिया था. दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड को छोड़कर समूचे देश में राजमार्गों पर चक्का जाम किया गया. किसानों ने सरकार से चाहे जितना लंबा समय लगे जब तक कृषि कानूनों को रद्द नहीं किया जाएगा तब तक आंदोलन समाप्त नहीं होगा.
किसानों के 'चक्का जाम' के मद्देनजर दिल्ली के बॉर्डरों पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की गई है. दिल्ली में चक्का जाम नहीं होने के बावजूद करीब 50,000 जवानों की तैनाती दिल्ली-एनसीआर में की गई. साथ ही ड्रोन के जरिए निगरानी भी की जा रही थी.
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Kisan Chakkajam : किसानों ने देश भर में चक्काजाम कर दिखाया कि उनका आंदोलन कुछ राज्यों तक सीमित नहीं है. दिल्ली में 50 से ज्यादा लोग हिरासत में लिए गए.पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, जम्मू-कश्मीर ही नहीं तेलंगाना, केरल, कर्नाटक, से लेकर बंगाल तक किसानों के चक्काजाम का ऐलान का असर दिखा. राजमार्ग पर किसानों का हुजूम उमड़ा. यूपी, उत्तराखंड और दिल्ली में चक्काजाम नहीं करने का निर्णय़ था.
चक्का जाम के दौरान किसानों ने सोनीपत पर ईस्टर्न पेरिफेरेल एक्सप्रेस-वे बंद किया . किसानों ने अपने ट्रैक्टर और बड़े ट्रक लगाकर ईस्टर्न और वेस्टर्न पेरिफ़ेरेल एक्सप्रेसवे बंद किया . किसान 12 से 3 बजे तक मार्ग बंद रखेंगे . किसान एंबुलेंस को जाने दे रहे हैं. (एनडीटीवी संवाददाता)
टिकरी बॉर्डर पर मौजूद किसान नेता और पंजाब किसान यूनियन के अध्यक्ष रुलदू सिंह मानसा ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा कि हमने चक्का जाम किया है, भारत बंद नहीं किया है. आज मानसा शहर के लोग रेल रोकने के लिए कह रहे थे. हमने उन्हें मना किया, लेकिन शहर के लोग नहीं मान रहे हैं.हम शांतिपूर्ण तरीके से बैठेंगे. पूरा कानून काला है. जब तक किसान नेताओं के खिलाफ दर्ज केस वापस नहीं होंगे हम सरकार से बातचीत नहीं करेंगे.
सुरक्षा के मद्देनजर खान मार्केट और नेहरू प्लेस मेट्रो स्टेशन के प्रवेश और निकास दवार को भी बंद कर दिया गया है. डीएमआरसी ने यह जानकारी दी. अब तक कुल 10 स्टेशनों को बंद किया गया.
इसके अलावा, विश्वविद्यालय, लाल किला, जामा मस्जिद, जनपथ और केंद्रीय सचिवालय के प्रवेश और निकास द्वार को बंद किया गया है.
किसानों का 'चक्का जाम' के मद्देनजर मंडी हाउस, ITO और दिल्ली गेट मेट्रो स्टेशन के प्रवेश और निकास द्वार को बंद कर दिया गया. दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने शनिवार को यह जानकारी दी.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, किसानों द्वारा बुलाए गए चक्का जाम को देखते हुए राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में ड्रोन के जरिए निगरानी की जा रही है. टिकरी बॉर्डर पर तैनात ड्रोन.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, किसानों के चक्का जाम के दौरान कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए बॉर्डर समेत दिल्ली-एनसीआर में दिल्ली पुलिस के साथ पैरामिलिट्री लों को तैनाती की गई है. दिल्ली पुलिस ने कहा कि दिल्ली-एनसीआर में दिल्ली पुलिस, पैरामिलिट्री और रिजर्व बलों के करीब 50,000 जवानों को तैनात किया गया है. साथ ही उपद्रव की सूरत में राष्ट्रीय राजधानी के कम से कम 12 मेट्रो स्टेशनों के गेट को बंद करने की तैयारी की गई है.
कृषि कानूनों और किसान आंदोलन को लेकर संसद में हंगामे के बीच संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि चर्चा हमारी संसदीय व्यवस्था का केंद्र है. सरकार संसद में हर विषय पर विपक्ष के सभी प्रश्नों का उत्तर देने के लिए पूरी तरह तैयार है. विपक्ष के साथ सामंजस्य बनाकर सदन को सुचारु रूप से चलाने की हमारी कोशिशें लगातार जारी हैंय हमें पूरा विश्वास है कि सोमवार से सदन सुचारू रूप से चलेगा.