किसान आंदोलन : दिल्ली-हरियाणा सड़क का एक हिस्सा 11 महीने बाद खोला गया

टीकरी बॉर्डर पर हजारों किसान तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं. किसान संघ के नेताओं और पुलिस के बीच बैठक के बाद यह मार्ग खोला गया है

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प्रतीकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली:

टीकरी बॉर्डर ( Tikri Border) पर लगे बैरिकेड्स हटाये जाने के बाद अधिकारियों ने शनिवार को 11 महीने बाद दिल्ली से हरियाणा जाने वाली सड़क का एक हिस्सा खोल दिया. टीकरी बॉर्डर पर हजारों किसान तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं. किसान संघ के नेताओं और पुलिस के बीच बैठक के बाद यह मार्ग खोला गया है. बता दें कि दिल्ली पुलिस ने दिल्ली-रोहतक राजमार्ग पर टीकरी बॉर्डर पर लगाए गए बैरिकेड्स और कंटीले तारों को गुरुवार शाम को ही हटाना शुरू कर दिया था. 

किसान नेताओं के साथ बैठक के बाद लिया गया फैसला

पुलिस ने शुक्रवार को गाजीपुर बॉर्डर पर दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे के एक हिस्से पर भी इसी तरह की नाकेबंदी हटा दी थी. हालांकि, अभी तक इस मार्ग पर यातायात शुरू नहीं हुआ है. पुलिस उपायुक्त (बाहरी) परविंदर सिंह ने कहा कि हमने सुबह किसान नेताओं के साथ बैठक की और बाद में दोपहर करीब 1 बजे दिल्ली से हरियाणा की ओर जाने वाले मार्ग को खोल दिया गया और यातायात शुरू हो गया. उन्होंने कहा कि नेता कह रहे थे कि एक विशेष समय के लिए यातायात की अनुमति दी जाए, हालांकि, हमने 24 घंटे के लिए सड़क खोल दी है. छोटे वाहनों वाले यात्री सड़क से गुजर सकते हैं.

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सिंह ने कहा कि किसान संघ के नेताओं ने आशंका व्यक्त की है कि चूंकि उनके तंबू सड़क पर लगे हुए हैं, ऐसे में अगर भारी वाहन गुजरते हैं और प्रदर्शनकारियों में से किसी को टक्कर मार देते हैं, तो कानून-व्यवस्था का मुद्दा बन जाएगा. पुलिस उपायुक्त ने कहा कि वहां भारी वाहनों के चलने के लिए जगह नहीं है और इसलिए हमने अब उस रास्ते पर ट्रक और बसों सहित ऐसे वाहनों को अनुमति नहीं देने का फैसला किया है. 

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एक किसान नेता ने कहा कि शनिवार को बाइक, ऑटो-रिक्शा, कारों और एंबुलेंस सहित हल्के वाहनों के लिए यातायात की आवाजाही की अनुमति दी गई है. टीकरी बॉर्डर पर रास्ता खुलने से बहादुरगढ़ और दिल्ली के हजारों यात्रियों के साथ-साथ राष्ट्रीय राजधानी और हरियाणा से राजस्थान जाने वालों को भी मदद मिलेगी. एक ओर जहां पुलिस ने शुक्रवार शाम तक गाजीपुर बॉर्डर पर एनएच-9 (दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे फ्लाईओवर) से बड़ी संख्या में अवरोधक, तार और लोहे की कीलें हटा दीं, तो दूसरी ओर प्रदर्शनकारियों द्वारा बनाए गए तंबू और अन्य अस्थायी ढांचे वहां बने रहे. केन्द्र के तीन नये कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों की 26 जनवरी को दिल्ली में ‘ट्रैक्टर परेड' के दौरान हिंसा होने के बाद, पुलिस ने वहां लोहे तथा सीमेंट के अवरोधक और कांटेदार तार लगा दिए थे.

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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