दिल्ली में आज संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से एक मीटिंग रखी गई थी. इस मीटिंग के कॉर्डिनेटर हन्नान मोल्ला ने NDTV से बात करते हुए कहा कि कुछ लोगों ने मीटिंग पर जबरन कब्जा कर लिया. हन्नान मोल्ला ने कहा कि हमने किसानों के हर संगठन से 1 नुमाइंदा बुलाया था. लेकिन लोग भीड़ लेकर आ गए. हमने कहा था कि किसान संगठनों के नाम पर कोई चुनाव नहीं लड़ेगा. लेकिन पंजाब में कुछ लोगों ने चुनाव लड़ा. अब उन्होंने यहां हमारे मीटिंग हाल में जबरन कब्ज़ा कर लिया है. हमारी मीटिंग नहीं हो पा रही है. हमने कहा था कि जिसने भी चुनाव लड़ा है उसे नोटिस देंगे. तब तक 4 महीने तक वो संयुक्त किसान मोर्चे की किसी भी गतिविधि में वो शामिल नहीं होगा. लेकिन उन लोगों ने यहां अवैध कब्जा कर लिया है. अब हम अपनी अलग मीटिंग करेंगे. केंद्र सरकार ने हमारी मांगों जैसे एमएसपी,मुआवजा को लेकर तक अब तक ध्यान नहीं दिया. उसे लेकर चर्चा होगी.
दरअसल संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर पैनल के गठन समेत किसानों से किए गए वादों पर केंद्र की अबतक की प्रगति की समीक्षा करने के लिए सोमवार को दिल्ली में बैठक करने वाला था. ये बैठक दिल्ली में दीन दयाल मार्ग पर गांधी पीस फाउंडेशन में सुबह दस बजे बंद कमरे में होने थी. इस बैठक में मोर्चा से जुड़े सभी किसान संघों के नेताओं को बुलाया गया था. एसकेएम के एक पदाधिकारी ने इस बैठक के बारे में जानकारी देते हुए कहा था कि एसकेएम के घटक सभी किसान संघों के नेता बैठक में भाग लेंगे. बैठक का एजेंडा 9 दिसंबर, 2021 को सरकार द्वारा एसकेएम को दिए गए आश्वासन पत्र, एमएसपी के मुद्दे पर राष्ट्रीय कार्य योजना और लखीमपुर खीरी मामले में हुई प्रगति की समीक्षा करना है. इसके अलावा एसकेएम के आंतरिक मुद्दों जैसे नियम और कानून, धन की वर्तमान स्थिति और पंजाब विधानसभा चुनाव लड़ने वाले किसान संघों पर निर्णय पर भी बैठक के दौरान चर्चा की जाएगी.
हालांकि अब मीटिंग के कॉर्डिनेटर हन्नान मोल्ला ने आरोप लगाया है कि किसानों के कई संगठन भीड़ लेकर आ गए और इस बैठक पर कब्जा करने की कोशिश की गई. (भाषा के इनपुट के साथ)
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