किसानों को विपक्ष की ओर से गुमराह किए जाने के आरोप पर बोले किसान नेता- 'अगर वो मजबूत होते तो..'

मंगलवार को प्रमुख किसान संगठन भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने एक मजबूत संदेश दिया. उन्होंने न्यूज एजेंसी ANI से कहा कि 'अगर विपक्ष इतना मजबूत होता तो किसानों को आंदोलन करने की क्या जरूरत थी?'

विज्ञापन
Read Time: 11 mins
राकेश टिकैत ने किसानों को गुमराह किए जाने वाले आरोपों पर दिया जवाब.
नई दिल्ली:

Farmers' Protests : कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ महीने भर से ज्यादा वक्त से चल रहा किसान आंदोलन लगातार विवाद का विषय भी बना हुआ है. भारतीय जनता पार्टी और केंद्र सरकार के कई मंत्रियों ने विपक्ष पर किसान आंदोलन को हाईजैक करने के आरोप लगाए हैं. कई केंद्रीय मंत्रियों ने ऐसे बयान दिए हैं, जिनमें कहा गया है कि किसान आंदोलन में विपक्ष की मंशा छिपी हुई है और वो किसानों को कानूनों पर गुमराह कर रहे हैं. किसान संगठनों की ओर से इन आरोपों को खारिज किया गया है.

मंगलवार को प्रमुख किसान संगठन भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने एक मजबूत संदेश दिया. उन्होंने न्यूज एजेंसी ANI से कहा कि 'अगर विपक्ष इतना मजबूत होता तो किसानों को आंदोलन करने की क्या जरूरत थी?'

बता दें कि किसान संगठनों ने सितंबर में संसद में पास किए गए कानूनों को वापस लिए जाने की मांग रखी है. उनका कहना है कि ये कानून किसानों के हित में नहीं लाए गए हैं, इनके लागू हो जाने से उन्हें खेती में कॉरपोरेट कंपनियों के भरोसे होना पड़ेगा. उन्हें इन कानूनों के जरिए मंडी और MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) सिस्टम भी खत्म हो जाने का डर है. उनकी सरकार से कई राउंड में बात हुई है लेकिन अभी तक कोई हल नहीं निकला है.

यह भी पढ़ें: आंदोलन कर रहे किसानों के लिए AAP का बड़ा ऐलान- सिंघू बॉर्डर पर देगी मुफ्त Wi-FI सेवा

केंद्रीय मंत्री, यहां तक कि खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी यह बात कह चुके हैं कि कृषि कानूनों पर विपक्ष किसानों को गुमराह करने की कोशिश कर रहा है. वहीं, सोमवार को कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा था कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह अपने कार्यकाल में इन कृषि सुधारों को लागू करना चाहते थे लेकिन राजनीतिक दबाव के चलते नहीं कर पाए.

Advertisement

किसानों ने अपने पूरे आंदोलन में विपक्ष से दूरी बनाए रखी है. अपनी भूख हड़ताल वाले दिन उन्होंने विपक्षी पार्टियों से अपना बैनर मंच से दूर रखने को कहा था. हालांकि, कई विपक्षी पार्टियों ने यहां आकर किसानों से मुलाकात की है. कांग्रेस पार्टी राहुल गांधी के नेतृत्व में इन कानूनों को वापस लेने की मांग के साथ राष्ट्रपति को मेमोरेंडम भी दे चुकी है.

(ANI से इनपुट के साथ)

Video: सरकार ने अगले दौर की बातचीत के लिए 40 किसान संगठनों को 30 दिसंबर को बुलाया

Featured Video Of The Day
Top 10 Headlines: Rajya Sabha के Offer पर क्या Chhagan Bhujbal लेंगे बड़ा फैसला? | NCP | Ajit Pawar