शिवसेना सांसद संजय राउत ने बुधवार को किसानों को देश की “रीढ़” बताया और कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार किसानों की समस्याओं को नजरअंदाज कर रही है. राष्ट्रीय किसान दिवस के अवसर पर राउत ने यहां संवाददाताओं से कहा कि कुछ उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए किसानों को कमजोर करने का प्रयास किया जा रहा है. दिल्ली की सीमाओं पर जारी किसान आंदोलन के मुद्दे पर राउत ने कहा कि केंद्र सरकार को अहंकार त्याग कर किसानों से बात करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि बुधवार को मनाया जा रहा राष्ट्रीय किसान दिवस किसानों के लिए एक “काला दिन” है.
उन्होंने कहा, “किसान हमारे देश की रीढ़ हैं लेकिन कुछ उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए उन्हें कमजोर किया जा रहा है.” राउत ने दावा किया कि आंदोलन के दौरान अब तक 12 किसानों की मौत हो चुकी है. उन्होंने केंद्र सरकार की ओर इशारा करते हुए कहा, “अपना अहंकार त्याग कर किसानों से बात कीजिए. मैं हाथ जोड़कर प्रार्थना करता हूं.”
Kisan Diwas 2020: क्यों 23 दिसंबर को मनाया जाता है किसान दिवस?
बता दें कि, भारत के पांचवें प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती के मौके पर हर साल 23 दिसबंर को राष्ट्रीय किसान दिवस (National Farmers Day) मनाया जाता है, जिन्होंने अपने कार्यकाल में कृषि क्षेत्र के उत्थान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और किसानों के हित के लिए कई किसान-हितैषी नीतियों का मसौदा तैयार किया. भले ही चौधरी चरण सिंह बहुत कम समय के लिए प्रधानमंत्री थे, लेकिन उन्होंने भारतीय किसानों के कल्याण के लिए कड़ी मेहनत की. इतना ही नहीं, उन्होंने किसानों के लिए कई योजनाएं भी शुरू कीं और 2001 में सरकार ने चौधरी चरण सिंह के जन्मदिन को किसान दिवस (Kisan Diwas) के रूप में मनाने का फैसला किया.