बेरोजगार संघ के प्रदर्शनकारियों से मिलने जा रहे किसान नेता राकेश टिकैत को दिल्ली पुलिस ने कुछ देर के लिए रविवार को हिरासत में ले लिया. हालांकि जानकारी के अनुसार बाद में उन्हें छोड़ दिया गया है. पुलिस किसान नेता को लेकर मधु विहार थाने ले गयी थी. स्पेशल सीपी लॉ एंड ऑर्डर दीपेंद्र पाठक ने भी कहा था कि टिकैत को हिरासत में लिए जाने के कुछ देर बाद ही छोड़ दिया जाएगा. राकेश टिकैत ने ट्वीट कर कहा था कि, 'सरकार के इशारे पर काम कर रही दिल्ली पुलिस किसानों की आवाज को नहीं दबा सकती. यह गिरफ्तारी एक नई क्रांति लेकर आएगी. यह संघर्ष अंतिम सांस तक जारी रहेगा. #ना रुकेंगे #ना थकेंगे #ना झुकेंगे.'
वहीं, दिल्ली के जंतर मंतर पर प्रदर्शन के लिए किसानों के जत्थे पहुंचने शुरू हो गए हैं. दिल्ली के टिकरी बॉर्डर से सटे बहादुरगढ में ट्रेन में बैठकर पंजाब से किसान पहुंचना शुरू हो गए हैं. फिरोजपुर से आने वाली ट्रेन में बैठकर भारतीय किसान यूनियन सिद्दूपुरा से जुड़े काफी किसान बहादुरगढ पहुंचे. किसानों का कहना है टिकरी बॉर्डर पर उन्होंने 13 महीने बिताए हैं, इसलिए पहले वो उस जगह जाएंगे, जिस जगह पर उन्होंने रहकर आंदोलन किया उसके बाद आज ही दिल्ली जाएंगे और सोमवार को जंतर मंतर पर प्रदर्शन कर राष्ट्रपति को ज्ञापन देंगे.
किसानो का कहना है कि सरकार ने उनके साथ वादाखिलाफी की है. बिना किसान संगठनों से बात किये बिजली बिल 2022 लाया गया, जिससे किसानों को मिलने वाली सस्ती बिजली खत्म करने की साजिश रची गई है. वहीं, एमएसपी भी उनको नही दी गई और ना ही लखीमपुर खीरी में मारे गए किसानों के साथ न्याय हुआ है. किसानों का कहना है कि अभी वो दिल्ली बॉर्डर पर पक्के मोर्चा लगाने नहीं आए हैं. अभी तो एक दिन के प्रदर्शन के लिए आए हैं. ताकि, सरकार को चेताया जा सके.
किसानों ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो फिर से दिल्ली में पक्के मोर्चे लगाएंगे लेकिन छुपकर नही आएंगे खुलेआम सरकार को बताकर आएंगे. वहीं, किसानों के भारी संख्या में आने की आहट से ही दिल्ली पुलिस सक्रिय हो गई है. दिल्ली के टिकरी बॉर्डर पर सिमेंटिड बैरिकेड इकठ्ठा कर लिए है. सड़क को संकरा कर दिया है. वाहनों की चेकिंग भी शुरू कर दी है, ताकि दिल्ली में किसानो को भीड़ इकट्ठा करने से रोका जा सके. इसके लिए हरियाणा पुलिस के साथ भी दिल्ली पुलिस मीटिंग कर रही है.