केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल की मां और बहन ने प्रभावशाली ओबीसी नेता सोनेलाल पटेल की जयंती मनाने के लिए मांगी गई अनुमति को ‘‘रद्द'' किये जाने पर शनिवार को अनुप्रिया की आलोचना की, जिससे पारिवारिक कलह एक बार फिर सामने आ गई. अपना दल (सोनेलाल) प्रमुख तथा केंद्रीय मंत्री के अनुप्रिया पटेल के साथ उनकी मां कृष्णा पटेल और बहन पल्लवी पटेल का कुर्मी नेता की विरासत के लिये अतीत में भी झगड़ा हुआ था.
कृष्णा पटेल एवं पल्लवी पटेल अपना दल (कमेरावादी) की अगुवाई करती हैं. कृष्णा पटेल ने शनिवार को कहा कि अनुप्रिया द्वारा की गई गलतियों को माफ नहीं किया जा सकता. वहीं, अनुप्रिया की बहन पल्लवी पटेल ने दावा किया कि ऊपर से आदेशों के बाद इस कार्यक्रम के तीन स्थल निरस्त किए गए. विवाद की जड़ लखनऊ में इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान था, जहां अपना दल के दोनों गुट- कृष्णा पटेल की अगुवाई वाला अपना दल (कमेरावादी) और अनुप्रिया पटेल की अगुवाई वाला अपना दल (सोनेलाल) यह जयंती मनाना चाहते थे.
अपना दल (सोनेलाल) को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति मिली, जबकि दूसरे गुट को यहां कार्यक्रम करने की अनुमति नहीं मिली. इससे आहत कृष्णा पटेल ने कहा, “आज जो हुआ वह अत्यंत दुखद और घृणित है. डॉक्टर सोनेलाल पटेल एक व्यक्ति विशेष से जुड़े व्यक्ति नहीं थे. वह पूरे राज्य के मसीहा थे.” उन्होंने कहा, “यदि कोई व्यक्ति इस आंदोलन को रोकने का प्रयास करता है तो यह नहीं रुकेगा. आज उनकी जयंती एक छोटे स्तर पर मनाई जा सकती थी, लेकिन इसे पूरे राज्य में मनाया जाएगा और आज की अनुप्रिया की गलती को भुलाया नहीं जा सकता है.”
दूसरी ओर अपना दल (एस) के कार्यकारी अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री और अनुप्रिया पटेल के पति आशीष पटेल ने शनिवार की रात जारी एक बयान में कहा कि इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में जहां हमारा कार्यक्रम पहले से तय था, वहीं पर हॉल बुक कराकर पल्लवी पटेल दोनों दलों के कार्यकर्ताओं में लड़ाई कराना चाहती थीं. उन्होंने शहर के किसी अन्य हॉल को क्यों नहीं चुना जबकि गांधी भवन, सहकारिता भवन सब खाली थे. यहां पत्रकारों से बातचीत करते हुए कृष्णा पटेल ने कहा, “पिता होने से पहले वह एक पति थे. उन पर पहला अधिकार मेरा है. वह मेरा अधिकार छीनने वाली कौन होती है. सोनेलाल पटेल को गुजरे 12 साल हो गए और तब से मुझे परेशान किया गया है.”
उन्होंने यह आरोप लगाया कि अनुप्रिया ने बीते विधानसभा चुनाव में प्रतापगढ़ में उनके खिलाफ उम्मीदवार उतारा और आशीष (अनुप्रिया के पति) वहां 15 दिनों तक डेरा डाले रहे. यदि उन्होंने उम्मीदवार नहीं उतारा था, तो उन्होंने वहां डेरा क्यों डाला था. इस बीच, कृष्णा पटेल की दूसरी बेटी और कौशांबी के सिराथू से विधायक पल्लवी पटेल ने पत्रकारों को बताया कि सोनेलाल पटेल के समर्थक हर साल उनकी जयंती और पुण्यतिथि मनाते हैं. पल्लवी ने कहा, ‘‘इस साल जयंती कार्यक्रम लखनऊ में करने की योजना थी. हमने रवींद्रालय के लिए, फिर विश्वेश्वरैया प्रेक्षागृह और फिर इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान के मरकरी प्रेक्षागृह के लिए अनुमति मांगी. लेकिन इनमें से किसी के लिए भी अनुमति नहीं दी गई.''
उन्होंने कहा कि जब पुलिस आयुक्त कार्यालय के एक अधिकारी से बात की, तो उसने मुझे बताया गया कि ऊपर से दबाव है. इस बीच, लखनऊ के पुलिस आयुक्त डीके ठाकुर ने कहा कि पल्लवी पटेल की बहन अनुप्रिया ने इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में कार्यक्रम करने की अनुमति मांगी थी और उन्हें अनुमति दी गई, जबकि पल्लवी को अनुमति नहीं दी गई क्योंकि एक ही स्थान पर एक ही कार्यक्रम करने की अनुमति दो दलों को नहीं दी जा सकती. उन्होंने कहा, “तब इन्होंने एक होटल में प्रेस कॉन्फ्रेंस की और इसके बाद वे आईजीपी की ओर बढ़े. जब उन्हें बताया गया कि वे वहां नहीं जा सकते, तो वे अड़े रहे जिसके बाद इन नेताओं (पल्लवी पटेल, कृष्णा पटेल और सुभासपा नेता ओपी राजभर) को पुलिस लाइंस ले जाया गया.”
शनिवार को जारी एक बयान में अपना दल (सोनेलाल) ने कहा, ‘‘इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान के लिए अनुमति प्रशासन द्वारा 24 जून को दी गई थी. इसके परिणाम स्वरूप रवींद्रालय प्रेक्षागृह का आबंटन रद्द कर दिया गया जिसे कृष्णा पटेल जी को पुनः आबंटित किया जा सकता है.'' जयंती समारोह को संबोधित करते हुए अनुप्रिया पटेल ने पिता सोनेलाल पटेल की सराहना की और कहा कि वह शारीरिक रूप से भले ही मौजूद नहीं हों, लेकिन उनके विचार लोगों को प्रेरित करते रहते हैं. अनुप्रिया पटेल के पति योगी आदित्यनाथ सरकार में कैबिनेट मंत्री है.
अपना दल (एस) के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष आशीष पटेल ने शनिवार की रात जारी बयान में दावा किया कि .हमने इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में 18 जून को बुकिंग के लिए आवेदन किया था, हमें 24 जून को मंजूरी मिली. उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में जहां हमारा कार्यक्रम पहले से तय था वहीं पर हाल बुक कराकर पल्लवी पटेल दोनों दलों के कार्यकर्ताओं में लड़ाई कराना चाहती थी. उन्होंने (पल्लवी) शहर के किसी अन्य हाल को क्यों नहीं चुना जबकि गांधी भवन, सहकारिता भवन सब खाली थे.
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कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा कि पल्लवी जी सिर्फ सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में कार्यक्रम की जिद कर रही थीं. अपनी सास के लगाए गए आरोपों को खारिज करते हुए आशीष पटेल ने कहा कि '' कृष्णा पटेल जी हमारी मां है, उनका कुछ भी कहना मेरे लिए आशीर्वाद है और पार्टी ने तो उनके (कृष्णा पटेल) सम्मान में प्रतापगढ़ की सीट छोड़ दी और पार्टी की तरफ से उन्हें एमएलसी बनाने का प्रस्ताव भी दिया गया था.''
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