कांग्रेस शासन में मारे गए लोगों के परिजन असम में न्याय यात्रा का विरोध कर रहे: अमित शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुवाहाटी में पांच नवगठित असम पुलिस कमांडो बटालियन के पहले बैच की पासिंग आउट परेड को संबोधित किया

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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह .
गुवाहाटी:

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को दावा किया कि असम में ‘‘जिन लोगों के परिजन कांग्रेस कार्यकाल के दौरान मारे गए थे'', वे राज्य में राहुल गांधी के नेतृत्व में जारी ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा' का विरोध कर रहे हैं. शाह ने गुवाहाटी में पांच नवगठित असम पुलिस कमांडो बटालियन के पहले बैच की पासिंग आउट परेड को संबोधित करते हुए कांग्रेस की आलोचना की और आरोप लगाया कि पूर्व में कांग्रेस की सरकार के दौरान लोगों को नौकरी पाने के लिए रिश्वत देनी पड़ती थी.

उन्होंने कहा, ‘‘राहुल गांधी ने हाल में भारत जोड़ो न्याय यात्रा शुरू की है. मैंने यहां कुछ पत्रकारों से पूछा कि असम में क्या हुआ.'' शाह ने कहा, ‘‘उन्होंने मुझे बताया कि उनके (कांग्रेस के) कार्यकाल के दौरान विभिन्न स्थानों पर अन्याय हुआ था, असम के हजारों युवा मारे गए थे और असम उग्रवाद की चपेट में आ गया था. उन विभिन्न स्थानों पर मारे गए लोगों के परिवार के सदस्यों ने इस न्याय यात्रा का विरोध किया.'' भारत जोड़ो न्याय यात्रा का असम चरण 18 जनवरी को शुरू हुआ था जो 25 जनवरी तक जारी रहेगा. इस दौरान राज्य के 17 जिलों में 833 किलोमीटर की दूरी तय की जाएगी. उन्होंने कहा कि पिछले 10 साल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश की कानून-व्यवस्था में बड़ा बदलाव आया है.

उन्होंने कहा, ‘‘दशकों के कांग्रेस शासन के दौरान जम्मू-कश्मीर, नक्सली क्षेत्र और पूर्वोत्तर क्षेत्र अशांत रहे. अब, इन क्षेत्रों में हिंसा 73 प्रतिशत कम हो गई है और यह हमारे लिए एक सुखद बदलाव है.'' शाह ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के कार्यकाल में सरकारी नौकरियां पाने के लिए लोगों को रिश्वत देनी पड़ती थी. उन्होंने दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मौजूदा शासन में रोजगार के लिए एक पैसा भी नहीं देना पड़ता. उन्होंने कहा, ‘‘जब मैं चुनाव के दौरान (असम में) आया था, तो हमने बिना किसी भ्रष्टाचार के एक लाख नौकरियां देने का वादा किया था. हिमंता बिस्व सरमा ने वह वादा पूरा किया है.''

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इस बीच, शाह ने यहां ‘असम के बहादुर-लचित बोरफुकन' पुस्तक का विमोचन करते हुए कहा कि अगर अहोम कमांडर बोरफुकन और अन्य शासकों ने मुगलों और अन्य आक्रमणकारियों की कोशिशों को विफल नहीं किया होता तो असम भारत का नहीं बल्कि बांग्लादेश का हिस्सा होता. ‘असम्स ब्रेवहार्ट-लचित बोरफुकन पुस्तक प्रख्यात लेखक अरूप कुमार दत्ता द्वारा अंग्रेजी में लिखी गई है और इसका 23 अनुसूचित भाषाओं में अनुवाद किया गया है. उन्होंने कहा कि असम के भारत का हिस्सा होने का मुख्य कारण यह है कि खिलजी से लेकर औरंगजेब तक कई आक्रमणकारियों की सेना को हराया गया और वापस भेज दिया गया. उन्होंने कहा, ‘‘देश में वीरता और विजय की कई ऐसी कहानियां हैं जिनका इतिहासकारों ने सही आकलन नहीं किया है लेकिन अब उन्हें उचित महत्व दिया जा रहा है ताकि अगली पीढ़ी उनसे प्रेरणा ले सके.'' 

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केंद्रीय मंत्री ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने ‘‘क्षेत्र के लोगों के बीच विभाजन'' पैदा किया था, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने पूर्वोत्तर में विकास और शांति की अपनी नीति के जरिए यह सुनिश्चित किया कि लोगों में देश को दुनिया का सबसे विकसित राष्ट्र बनाने के लक्ष्य की ओर ले जाने का विश्वास पैदा हो सके. उन्होंने लोगों से अपील की कि उन्हें असम और पूर्वोत्तर की भलाई के लिए भाषा और धर्म के मतभेदों से ऊपर उठना चाहिए. गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को ब्रह्मपुत्र के तट पर एक नए उद्यान का उद्घाटन भी किया. ब्रह्मपुत्र असम के सबसे बड़े शहर गुवाहाटी से होकर गुजरती है. उन्होंने पार्क में पुनर्निर्मित पदुम पुखुरी में मछलियाँ भी छोड़ीं. नए खुले पार्क को ब्रह्मपुत्र रिवरफ्रंट सौंदर्यीकरण परियोजना के पहले चरण में 34 करोड़ रुपये में विकसित किया गया है.

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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