केंद्रीय शिक्षा संस्थानों में भरे गए फैकल्टी के 15139 पद, जानें कितने शिक्षक पढ़ा रहे हैं ठेके पर

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सोमवार को बताया कि केंद्र सरकार के शिक्षण संस्थानों में फैकल्टी मेंबर के 15 हजार 47 पदों पर भर्ती की गई है. उन्होंने बताया कि इन भर्तियों में नियमानुसार आरक्षण दिया गया है.

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नई दिल्ली:

केंद्र सरकार ने बताया है कि सेंट्रल हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूशन के तहत केंद्रीय विश्वविद्यालय, आईआईटी, आईआईएम, एनआईटी और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च चल रहे हैं. ये संस्थान स्वायत्त संस्थान हैं. इन संस्थानों की स्थापना संसद की ओर से पारित कानून के जरिए की गई है. इनका संचालन उनके उन्हीं के प्रावधान के मुताबिक केंद्र सरकार के शिक्षा विभाग की ओर से किया जाता है. इन संस्थानों में पढ़ाने वाले अध्यापकों का चयन भी ये संस्थान अपने नियमों के मुताबिक करते हैं.सरकार ने बताया है कि सीएचईआईएस में इस साल 29 अक्टूबर तक 25 हजार 777 पद भरे गए हैं.इनमें से 15 हजार 139 पद फैकल्टी मेंबर के हैं. सरकार ने यह भी बताया है कि देश भर में उच्च शिक्षण संस्थानों में दो लाख 43 हजार 75 फैकल्टी मेंबर ठेके (कांट्रैक्ट) पर पढ़ा रहे हैं.

केंद्रीय शिक्षण संस्थानों में फैकल्टी के खाली पद

लोकसभा में शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सोमवार को यह जानकारी दी. इसको लेकर झारखंड के राजमहल से झारखंड मुक्ति मोर्चा के विजय कुमार हंसदक ने सवाल पूछा था. हंसदक ने जानना चाहा था कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों, आईआईटी, आईआईएम, एनआईटी और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च में अध्यापकों की कितनी सीटें आवंटित की गई हैं. उन्होंने यह भी जानना चाहा था कि 31 अक्टूबर तक इनमें से कितने पद भरे गए हैं और कितने पद अभी भी खाली हैं. उन्होंने यह भी जानना चाहा था कि केंद्र की ओर से वित्तिय सहायता प्राप्त उच्च शिक्षा संस्थानों अध्यापकों के पद बड़ी मात्रा में खाली क्यों हैं. इसके अलावा उन्होंने यह भी जानना चाहा था कि केंद्र सरकार ने इन शिक्षण संस्थानों में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और दिव्यांग लोगों के लिए आरक्षित पदों को भरने के लिए सरकार ने कौन से कदम उठाए हैं. 

केंद्रीय शिक्षण संस्थानों में कितना मिलता है आरक्षण

धर्मेंद्र प्रधान ने लोकसभा में बताया कि सरकार ने सेंट्रल इंस्टीट्यूशन (रिजर्वेशन इन टीचर कैडर) एक्ट 2019 को नौ जुलाई 2019 को पारित किया था. इसका मकसद अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को सेंट्रल हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूशन (सीएचईआईएस) में होने वाली नियुक्तियों में आरक्षण देना है. इसके तहत एससी वर्ग के लोगों को 15 फीसदी, एसटी वर्ग के लोगों को 7.5 फीसदी, ओबीसी को 27 फीसदी और ईडब्लूएस को 10 फीसदी आरक्षण देने की व्यवस्था है. 

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प्रधान ने बताया कि  केंद्रीय विश्वविद्यालयों, आईआईटी, आईआईएम, एनआईटी और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च में खाली पदों को भरने के लिए सितंबर 2022 से एक अभियान शुरू किया है. इसमें एससी, एसटी, ओबीसी और दिव्यांगों की ओर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. उन्होंने बताया कि सभी सीएचईआईएस में इस साल 29 अक्टूबर तक 25 हजार 777 पद भरे गए हैं.  इनमें से 15 हजार 139 पद फैकल्टी मेंबर के हैं.  प्रधान ने बताया कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों, आईआईटी, आईआईएम, एनआईटी और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च और बंगलुरु स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस ने खुद 25 हजार 257 पदों को भरा है. इनमें से 15 हजार 47 पद फैकल्टी मेंबर के हैं.इनमें एससी वर्ग के 1869, एसटी के लिए 739, ओबीसी के लिए 3089 और दिव्यांग वर्ग के 254 पद भरे गए हैं.   

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उच्च शिक्षण संस्थानों में फैकल्टी के कितने पद हैं

वहीं लोकसभा में ही शिक्षा राज्य मंत्री डॉक्टर सुकांता मजूमदार ने बताया कि ऑल इंडिया सर्वे ऑन हायर एजुकेशन 2022-2023 के आंकड़ों के मुताबिक उच्च शिक्षा के सरकारी संस्थानों में 10 लाख 81 हजार 116 स्थायी फैकल्टी मेंबर कार्यरत हैं. इन संस्थानों में इनके अलावा दो लाख 43 हजार 75 फैकल्टी मेंबर ठेके पर पढ़ा रहे हैं. वहीं प्राइवेट शिक्षण संस्थानों में एक लाख 54 हजार 621 स्थायी फैकल्टी मेंबर और 10 हजार 453 फैकल्टी मेंबर ठेके पर पढ़ा रहे हैं.

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